सताता है बहुत | Ghazal Satata hai Bahot

सताता है बहुत | Ghazal Satata hai Bahot

सताता है बहुत ( Satata hai Bahot ) है तबीयत में बला की ज़िद सताता है बहुत फिर भी जाने क्यों मुझे वो शख़्स भाता है बहुत। अब तवक्को ही नहीं उससे किया करती कोई कर के कुछ एहसान वो मुझपे जताता है बहुत। बेवफ़ाई से रुलाना शग़्ल है उसका मगर महफ़िलों में वो वफ़ा…

याद आती है आशियाने की | Ghazal Yaad Aati Hai Aashiyane ki

याद आती है आशियाने की | Ghazal Yaad Aati Hai Aashiyane ki

याद आती है आशियाने की ( Yaad Aati Hai Aashiyane ki ) है अदा यह भी रूठ जाने की कोई कोशिश करे मनाने की इन अदाओं को हम समझते हैं बात छोड़ो भी आने-जाने की आज छाई हुई है काली घटा याद आती है आशियाने की एक दूजे को यह लड़ाते हैं नब्ज़ पहचान लो…

मुसाफ़िराना है | Ghazal Musafirana Hai

मुसाफ़िराना है | Ghazal Musafirana Hai

मुसाफ़िराना है ( Musafirana Hai ) हम ग़रीबों का यह फ़साना है हर क़दम ही मुसाफ़िराना है यह जो अपना ग़रीबख़ाना है हमको मिलकर इसे सजाना है कितना पुरकैफ़ यह ज़माना है रूठना और फिर मनाना है बीबी बच्चों की परवरिश के लिए जाके परदेश भी कमाना है सारे घर के ही ख़्वाब हैं इसमें…

हक़दार नहीं थे | Ghazal Haqdaar Nahi The

हक़दार नहीं थे | Ghazal Haqdaar Nahi The

हक़दार नहीं थे ( Haqdaar Nahi The ) कुछ दोस्त हमारे ही वफ़ादार नहीं थे वरना तो कहीं हार के आसार नहीं थे ख़ुद अपने हक़ों के हमीं हक़दार नहीं थे हम ऐसी सियासत के तलबगार नहीं थे झुकने को किसी बात पे तैयार नहीं थे क्यों हम भी ज़माने से समझदार नहीं थे हर…

सैनिक

सैनिक | Sainik

सैनिक ( Sainik ) जां हथेली पे लिए सैनिक लड़ा है ? सरहदों पर देखिये दुश्मन मरा है दो दुआएं फ़त्ह करके आये सैनिक हर अदू को मारने सैनिक चला है आंसुओं से आंखें भर आई हैं मेरी सैनिकों पर जब यहाँ हमला हुआ है सैनिकों ने ले लिया बदला वतन का देखिये कश्मीर से…

वो नहीं

वो नहीं | Ghazal Wo Nahi

वो नहीं ( Wo Nahi ) ये असल है वो नहीं ये नकल है वो नहीं घास वो गेहूं है ये ये फ़सल है वो नहीं आदमी दोनों हैं पर ये सरल है वो नहीं फर्क दोनों में है क्या ये तरल है वो नहीं फूल हैं दोनों “कुमार” ये कमल है वो नहीं कुमार…

मेरे महबूब की मोहब्बत | Mere Mehboob ki Mohabbat

मेरे महबूब की मोहब्बत | Mere Mehboob ki Mohabbat

मेरे महबूब की मोहब्बत ( Mere Mehboob ki Mohabbat )   जब महबूबा का ठिकाना बदल जाएगा मेरी महबूबा ये जहान बदल जाएगा। रह जाएंगी तेरी यादें इस जहान में वक्त रहते ये परवानां बदल जाएगा। मेरी महबूबा जहां बैठोगे बड़ी शान से उस जगह तेरा आशियाना बदल जाएगा। तुम मुझसे मोहब्बत कर दिल्लगी कर…

घर की इज़्ज़त

घर की इज़्ज़त | Ghazal Ghar ki Izzat

घर की इज़्ज़त ( Ghar ki Izzat )   यह हुनर दिल में ढाल कर रखना घर की इज़्ज़त सँभाल कर रखना हर तरफ़ हैं तमाशबीन यहाँ कोई परदा भी डाल कर रखना मैं भी दिल में तुम्हारे रहता हूँ अपने दिल को सँभाल कर रखना हर ग़ज़ल अंजुमन में छा जाये दर्द दिल का…

सियासत में आ गये

सियासत में आ गये | Ghazal Siyasat Mein Aa Gaye

सियासत में आ गये ( Siyasat Mein Aa Gaye )   सारे अज़ीज़ उनकी हिमायत में आ गये मजबूर होके हम भी सियासत में आ गये हाँलाकि ख़ौफ़ सबको सितमगर का था बहुत कुछ लोग फिर भी मेरी वकालत में आ गये इतने हसीन जाल बिछाये थे आपने हम ख़ुद शिकार होके हिरासत में आ…

Aisi Koi Sarkar

ऐसी कोई सरकार आ जाये | Aisi Koi Sarkar

ऐसी कोई सरकार आ जाये हमारे मुल्क में ऐसी कोई सरकार आ जाये सभी के हाथ में अच्छा सा कारोबार आ जाये खुली सड़को पे पीते हैं शराबी बोतलें लेकर इलाक़े का भला ऐसे में थानेदार आ जाये वबा की मार से हर रोज़ ही इंसान मरते हैं करोना की दवा इस बार तो दमदार…