ज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती

ज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती

ज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती ग़ुम हमारी ख़ुशी नहीं होतीज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती अपनी मंज़िल अगर हमें मिलतीआँख में फिर नमी नहीं होती साथ देते अगर जहां वालेदूर वो भी खडी नहीं होती मेरे रब का करम हुआ ये तोहाथ मंहदी लगी नहीं होती। तुमको मालूम ही नहीं शायदज़िन्दगी सुख भरी नहीं होती जबसे…

दिल है ये अब तेरे हवाले

दिल है ये अब तेरे हवाले

दिल है ये अब तेरे हवाले ठुकरा दे इसे चाहे तू या अपना बना लेमहबूब मेरा दिल है ये अब तेरे हवाले उन पर भी नज़र डाल कभी ऐ मेरे मौलामिलते हैं जिन्हें खाने को बस सूखे निवाले मझधार में है नाव मेरी जग के खिवैयाऐ श्याम ज़रा आके मुझे अब तू बचाले सूरत पे…

तूने ख़त उसका गर पढ़ा होगा

तूने ख़त उसका गर पढ़ा होगा

तूने ख़त उसका गर पढ़ा होगा तूने ख़त उसका गर पढ़ा होगानाम तेरा नया रखा होगा उस जगह कौन दूसरा होगाजिस जगह पर तू अब खडा होगा उसके होठों से नाम सुनकर तोफूल दिल में कोई खिला होगा उसने जब कल छुआ बदन तेराकुछ तो एहसास फिर हुआ होगा वक्त पर जो न आयी मिलने…

प्यार हम बार बार करते हैं

प्यार हम बार बार करते हैं

प्यार हम बार बार करते हैं यूँ ख़िज़ां को बहार करते हैंप्यार हम बार बार करते हैं मिलना होता है जब किसी से हमेंअक्ल को होशियार करते हैं कैसे जाऊं न बज़्म में उनकीरोज़ वो इंतज़ार करते हैं जो भी आता है ख़ुद निशाने परहम उसी का शिकार करते हैं प्यार मैं सिर्फ़ उनसे करता…

धूप ऐसी पड़ी मुह़ब्बत की

धूप ऐसी पड़ी मुह़ब्बत की

धूप ऐसी पड़ी मुह़ब्बत की धूप ऐसी पड़ी मुह़ब्बत की।खिल उठी हर कली मुह़ब्बत की। शम्अ़ नफ़रत की बुझ गई फ़ौरन।बाद जब भी चली मुह़ब्बत की। उड़ गए होश सब रक़ीबों के।बात ऐसी उड़ी मुह़ब्बत की। बाद मुद्दत के आज देखी है।उनके रुख़ पर हंसी मुह़ब्बत की। लाख शोअ़ले उठे बग़ावत के।पर न सूखी नदी…

फूल तो ज़िन्दगी में खिला ही नहीं

फूल तो ज़िन्दगी में खिला ही नहीं

फूल तो ज़िन्दगी में खिला ही नहीं फूल तो ज़िन्दगी में खिला ही नहींकोई अपना तो जग में हुआ ही नहीं आज वो भी सज़ा दे रहें हैं मुझेजिनसे अपना कोई वास्ता ही नहीं मैं करूँ भी गिला तो करूँ किसलिएकोई अपना मुझे तो मिला ही नहीं जिनसे करनी थी कल हमको बातें बहुतउसने लम्हा…

हम रोते हैं

हम रोते हैं | Hum Rote Hain

हम रोते हैं ( Hum Rote Hain ) दुख में तन्हा हम रोते हैंसुख में शामिल सब होते हैं खार ही खार दिखे हैं हर सूहम हर सू जब गुल बोते हैं फ़सलों पर हक़ ग़ैर जतायेंखेत तो जब हमने जोते हैं लालच के रथ पर जो बैठेंअपना भी वो धन खोते हैं उनके आँसू…

बज़्म को अब न आज़माओ तुम

बज़्म को अब न आज़माओ तुम

बज़्म को अब न आज़माओ तुम बज़्म को अब न आज़माओ तुमशेरों में कुछ नया सुनाओ तुम बिन तेरे हम न जी सकेंगे अबदूर नज़रों से यूँ न जाओ तुम वो भी बेटी किसी के है घर कीअब न दुल्हन कोई जलाओ तुम अम्न का दीप है जलाया जबये अदावत भी अब मिटाओ तुम हो…

जैसा मैं चाहती थी वैसा वो कर रहा है

जैसा मैं चाहती थी वैसा वो कर रहा है

जैसा मैं चाहती थी वैसा वो कर रहा है जैसा मैं चाहती थी वैसा वो कर रहा हैदिल को मगर न जाने क्या फिर अखर रहा है। उसकी वो सर्द महरी पत्थर के जैसा लहज़ाअब ये बता रहा है सब कुछ बिखर रहा है। जो है खुशी मयस्सर उसमें नहीं बशर खुशजो ख़्वाहिशात बाकी बस…

बाप को उसने | Baap ko Usne

बाप को उसने | Baap ko Usne

बाप को उसने ( Baap ko Usne ) बाप को उसने ख़ुदाई दी हैहाथ बच्चे ने कमाई दी है तेरा अंदाज़ निराला यह भीदर्द देकर भी दवाई दी है उम्र भर जिससे वफ़ाएं कीं थींमुझको उसने भी बुराई दी है खिल गयीं कलियां दिले- मुज़्तर कीतेरी आहट जो सुनाई दी है पूछता कोई तो मैं…