Geet Man Shivalay ho Jaye

शीश शिव गंगा धरे

शीश शिव गंगा धरे ( छन्द : मनहरण घनाक्षरी ) शीश शिव गंगा धरे ,सब ताप कष्ट हरे,जप नाम शिव प्यारे ,तब होगे काम रे!!!शिव पूजा सब करे ,आज होगे काज पूरे,गुंज रहा सारी सृष्टी,सदाशिव नाम रे !!!शिव प्रिय बिल्व फल ,भक्त लिये गंगाजल,प्रभुल्लित सब चले ,शिवाप्रिया धाम रे !!!शिव पर्व जब आया ,साथ सब…

Shiva Aarti

शिव महिमा -शिवगौरा

शिव महिमा -शिवगौरा ( राधेश्मामी छंद ) शिव गौरा मुख बैठे नंदी, ये सावन लगा सुहाना है।अविनाशी की महिमा प्यारी,अब हर-हर भोले गाना है।झंकृत डमरू नाद सुरीला, वो बम बम भोला लहरी है।रम कर बैठे भोले बाबा,मन बसा प्रेम की नगरी है। गंगा धारण करने वाले,वो बम भोले भंडारी है।जो भी इनको मन से ध्याया,तो…

खोज रहे मकरंद

खोज रहे मकरंद

खोज रहे मकरंद कवित्त (मनहरन घनाक्षरी) कैसा ये अजीब रोग,कैसे मतिमारे लोग।दुष्ट मांसाहार भोग,ढूंढ़ रहे गैया में। मुस्कुरा के मंद-मंद,गढ़ रहे व्यर्थ छंद।खोज रहे मकरंद,ग़ैर की लुगैया में। रहा नहीं दया-धर्म,बेच खाई हया-शर्म।डूबने के हेतु कर्म,पोखरी तलैया में। आफ़तों से खेल रहे,मुसीबतें झेल रहे।ख़ुद को धकेल रहे,शनि जी की ढैया में। देशपाल सिंह राघव ‘वाचाल’गुरुग्राम…

जग से निराला लगे

जग से निराला लगे,

जग से निराला लगे रूप घनाक्षरीमनमीत-8,8,8,8चरणांत -21 जग से निराला लगे,सबसे ही प्यारा लगे,छेड़े जब प्रेम धुन,वह राग मनमीत । मुख आभा लगे ऐसी,पूनम के चाॅ॑द जैसी,मुख शोभित लालिमा,ज्यों रजनी चाॅ॑दप्रीत । दीप उजियार करे,घर की है शोभा बढ़े,दमक रहे जुगनू,ऐसे लगे नैन जीत । अजब सी लीला देखो,प्रेम रस जरा चखो,कहे फिर सारा जग,है…

प्रथम पूज्य आराध्य गजानन

अतिक्रांत छंद – विषममात्रिक

जय गणेश जय गणेश गणपति दाता, तुम्हीं हो मेरे अपने,कर जोड़े द्वारे ठाढ़ी, कर दों पूरे सपने l हो प्रसन्न जग के स्वामी, फलित कर्मों में जलती ,मैं पापी लम्पट लोभी, अगणित करती गलती l अज्ञानी पर हूँ बालक, लगा चरणों से अपने ,अंजानी राहें चल कर, लागे माला जपने l प्रभु ज्ञानी अंतरयामी, प्रणामी…

Yamini Chhand

यामिनी छंद : सममात्रिकनवाक्षरी

जन्म का खादर जन्म का खादर l घूमती घाघर lआखिरी आदर l ओढ़ ली चादर lक्रोध पारायण l बाँच रामायण lदम्भ भंडारण, l कब मरा रावण l आज भी जीवित l नारियाँ क्षोभित lयत्न सब रोधित l कब हुए शोधित lलोभ से लोभित l रूप पर मोहित lहो रहे क्रोधित l चेतना लोहित ll बेटियाँ…

सर्वशक्ति कालिका | Sarvashakti Kalika

सर्वशक्ति कालिका | Sarvashakti Kalika

सर्वशक्ति कालिका ( चामर छन्द ) 1सर्वशक्ति कालिका कराल रक्त दंतिका।शांभवी सुधा सती सुगम्य चंद्रघंटिका।।चंद्रिका सुबोधिनी गदा त्रिशूल धारिणी।हस्त शंख चक्र ले निशुंभ शुंभ तारिणी।। 2हे अजा सिता अगम्य मातु हे पताकिनी।दुर्गमा त्रिलोचनी विशाल दैत्य नाशिनी।।शारदे सँवार दे अबोध माम् तूलिका।ज्ञान के विहान से प्रकाशवान मूलिका।।(औषधीय जड़ी) 3दुष्ट शत्रु वंश बेल हारिणी कपालिनी।अट्टहास कालिका कुमारि…

Navratri kavita

नवदुर्गा उपासना | Navdurga Upasana

नवदुर्गा उपासना ( मनहरण घनाक्षरी ) नाम नव दुर्गा रूप, पूजे सुर मुनि भूपपहाड़ों वाली मां तेरा, शैलपुत्री नाम है। दूसरा अनूप रूप, ब्रह्मचारिणी है मैयाकमंडल कर तेरे, दूजे कर माल है। चंद्रघंटा रूप तेरा, तीसरा सलोना मैया,सिंह की सवारी तेरे, हाथ में कमान है। चौथा है कुष्मांडा रूप, पांचवा स्कंद मैया,छठा है कात्यायनी मां,…

Bhagat singh par kavita

भगत सिंह परघनाक्षरी

भगत सिंह पर घनाक्षरी भरी तरुणाई मे वो, देश की लड़ाई मे वो,फाँसी के फंदे मे झूले, पुण्यात्मा महान हैं। वीर वो कहाते हैं जो, जां देश पे लुटाते हैं,ऐसे ही प्यारे भगत, सिंह वो महान हैं। भारत की शान हैं वो, हमारी आन वान हैं,गाता गुणगान सारा, भारत महान है। हैं शहीद वो कहाते,…

Sarsi Chhand

सरसी छंद : गीत

सरसी छंद ( Sarsi Chhand ) करते हो किन बातों पर तुम , अब इतना अभिमान ।आज धरा को बना रहा है , मानव ही शमशान ।।करते हो किन बातों पर तुम … भूल गये सब धर्म कर्म को , भूले सेवा भाव ।नगर सभी आगे हैं दिखते , दिखते पीछे गाँव ।।मानवता रोती है…