नवदुर्गा उपासना | Navdurga Upasana
नवदुर्गा उपासना
( मनहरण घनाक्षरी )
नाम नव दुर्गा रूप, पूजे सुर मुनि भूप
पहाड़ों वाली मां तेरा, शैलपुत्री नाम है।
दूसरा अनूप रूप, ब्रह्मचारिणी है मैया
कमंडल कर तेरे, दूजे कर माल है।
चंद्रघंटा रूप तेरा, तीसरा सलोना मैया,
सिंह की सवारी तेरे, हाथ में कमान है।
चौथा है कुष्मांडा रूप, पांचवा स्कंद मैया,
छठा है कात्यायनी मां, ममता की खान है।
सातवां है रूप शेष,बड़ा ही विकट वेश
खर की सवारी प्यारी, कालरात्रि नाम है।
माता रानी महागौरी, आया हूं शरण तेरी,
आठवां है रूप मैया करुणानिधान है।
नवां नव दुर्गा रूप, चतुरभुजाओं वाली
नाम सिद्धिदात्री मां देती वरदान है।
भक्तों की सहाई माई, दौड़ी दौड़ी चली आई
लाज राखों सारथि की,गावै गुणगान है।
कवि : संत कुमार सारथि
नवलगढ़
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