महेन्द्र सिंह प्रखर के दोहे | Mahendra Singh Prakhar ke Dohe

महेन्द्र सिंह प्रखर के दोहे | Mahendra Singh Prakhar ke Dohe

महेन्द्र सिंह प्रखर के दोहे ( 3 ) रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राधिका , देखो उनके पास ।। अब तक जिनके प्रेम का , प्रकृति देखती बाट…

Kalyug ka Doha

कलियुग का दोहा | Kalyug ka Doha

कलियुग का दोहा ( Kalyug ka Doha )   फूल रोपिए शूल पाईए झूठ बोलिए सुख रहिए जान लीजिए माल पाइए भला कीजिए बुरा झेलिये पानी मिलायिये रबड़ी खाइये फ़रेब कीजिए कुबेर अरजिए आंचल फैलायिये अस्मिता गंवायिये ठगते रहिए दनदनाते रहिए महल ठोकिए रहम भूलिए दूसरो खाइये आपन बिसारिये देह दिखाईए द्रव्य दर्शाईये शेखर कुमार…

डॉ. सत्यवान सौरभ के पच्चास चर्चित दोहे

डॉ. सत्यवान सौरभ के पच्चास चर्चित दोहे

डॉ. सत्यवान सौरभ के पच्चास चर्चित दोहे   आज तुम्हारे ढोल से, गूँज रहा आकाश। बदलेगी सरकार कल, होगा पर्दाफाश।। छुपकर बैठे भेड़िये, लगा रहे हैं दाँव। बच पाए कैसे सखी, अब भेड़ों का गाँव।। नफरत के इस दौर में, कैसे पनपे प्यार। ज्ञानी-पंडित-मौलवी, करते जब तकरार।। नई सदी ने खो दिए, जीवन के विन्यास।…

राम नाम है हर जगह | Ram Naam hai Har Jagah

राम नाम है हर जगह | Ram Naam hai Har Jagah

राम नाम है हर जगह { प्रभु श्रीराम की स्तुति में बाईस दोहे }   राम नाम है हर जगह, राम जाप चहुंओर। चाहे जाकर देख लो, नभ तल के हर छोर।। *1 नगर अयोध्या, हर जगह, त्रेता की झंकार। राम राज्य का ख्वाब जो, आज हुआ साकार।। *2 रखो लाज संसार की, आओ मेरे…

राम के दोहे | Ram ke Dohe

राम के दोहे | Ram ke Dohe

राम के दोहे  ( Ram ke Dohe )    घट-घट में रावण बसे, करे राम का जाप ! द्वेष भाव मन से मिटा, राम मिलेंगे आप !!   राम जगत के देव है, देते सबको नाम ! मूरख प्राणी है चला, देने उनको धाम !!   राम नाम की लहर में, तरते दुर्जन आम !…

वायदों का झांसा | दोहा

वायदों का झांसा | दोहा

वायदों का झांसा ( Waydon ka jhansa )   वायदों का झांसा देते नेता जुमले बाज़! जान चुकी जनता इन्हें पोल खुली है आज!! देंगे सबको कहता था पंद्रह पंद्रह लाख! सिंहासन पर बैठ गया चुरा रहा अब आंख!! सत्ता में गुंडे -मवाली बैठे नेताओं संग! भ्रष्ट्रचारी ही लड़ रहे भ्रष्ट्रचार की जंग!! मंदिर -मस्जिद…

Gulia ke Dohe

गुलिया के दोहे | Gulia ke Dohe

गुलिया के दोहे ( Gulia ke Dohe ) ( 2 )  कभी-कभी ये सोचकर, आता है आवेश। मिला कहाँ बलिदान को, वो सपनों का देश।। लोकतंत्र को हो गया, जाने कैसा मर्ज़। बात करें अधिकार की, लोग भूलकर फर्ज़।। अब लोगों के बीच से, गायब हुआ यकीन। साँच – झूठ का फैसला, करने लगी मशीन।।…

Guru Mahima

गुरू महिमा | Guru Mahima

गुरू महिमा ( Guru Mahima ) ( 2 ) गुरू का रख लो मान गुरू जीवन में देते हैं सुप्त गुणों को मान गुरू हीं जानतें हैं हमारी विदया और बल बुद्धी का देते हैं हमें आशिर्वाद महान गुरू बिन नहीं जीवन का उद्धार गुरू की वाणी हैं गीता और रामायण वेद पुराण गुरू हैं…

Geet Naye Dinman Bhagya Hamare

सागर फैला दर्द है पर्वत फैली पीर | Dohe Sagar Phaila Dard

सागर फैला दर्द है पर्वत फैली पीर ( Sagar phaila dard hai parwat phaile peer )    सागर फैला दर्द है, पर्वत फैली पीर। अश्रुधार मोती बरसे, नैना बरसे नीर। मन मेरा घायल हुआ, चित्त थोड़ा बेचैन। अंधियारी निशा हुई, कैसे गुजरे रैन। संकट के बादल घने, बरसे मूसलाधार। पीर हर लो परमात्मा, कर दो…

Svadhyaya par doha

स्वाध्याय | Svadhyaya par doha

स्वाध्याय ( Svadhyaya )   स्वाध्याय जो नित्य करें, मनन करें सुविचार। चित उज्जवल पावन बने, बहे नेह रसधार। उर उजियारा हो सखे, जगे ज्ञान यशदीप। महके चमन जीवन का, मधुर बजे संगीत। पठन अरू पाठन करे, मनन करे दिन-रात। बुध्दिबल यश वैभव बढ़े, मिले सुधीजन साथ।   रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन नवलगढ़ जिला झुंझुनू ( राजस्थान…