जिम्मेदार कौन | Zimmedar Kaun

जिम्मेदार कौन | Zimmedar Kaun

एक मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति स्थापित की जा रही थी। ढोल नगाड़े बज रहे थे। साईं बाबा की मूर्ति शंकर भगवान के बगल में स्थापित करना था। ऐसे में महेश नाम के एक स्थानीय व्यक्ति ने विरोध किया। उसने कहा,-” भोले शंकर की मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति नहीं स्थापित हो सकती…

श्री महर्षि गज अरविन्द | Sri Maharshi Gaj Arvind

श्री महर्षि गज अरविन्द | Sri Maharshi Gaj Arvind

दिव्य जीवन पथ – प्रदर्शक संत — श्री महर्षि गज अरविन्द   संसार में कभी-कभी ऐसे दिव्य महापुरुषों का अवतरण होता है जिनके त्याग , समर्पण, प्रेम, करूणा , समता, सादगीपूर्ण जीवन लोगों के लिए प्रेरणा बन जाता है। उनका जीवन संसार के लिए एक संदेश होता है। ऐसे दिव्य महापुरुषों की श्रेणी में आते…

Soch aur Samajh

सोच और समझ | Soch aur Samajh

कभी कभी ना हम खुद बस यही सोचते है कि जितना भी गलत हो रहा सब हमारे ही साथ हो रहा, बाकी सबके जीवन में कोई परेशानी नहीं, कोई दुख नहीं। लेकिन ये हमारा बस वहम है, क्योंकि बिना परेशानियों और दुखों के जीवन कुछ भी नहीं। जबतक हम परेशानियों का सामना नहीं करेंगे हमें…

भूत प्रेत | Bhoot Pret

भूत प्रेत | Bhoot Pret

भाग -१  “यह भूत बहुत बलवान है इसके लिए सवा मन आटा, बकरा, बकरी ,मुर्गा ,शराब आदि देना पड़ेगा। इसके दिए बिना भूत छोड़कर के नहीं जाएगा।” एक ओझा ने जो कि अपनी बच्ची का भूत प्रेत उतरवाने आया था उससे कहा। उसकी बच्ची सुनीता अक्सर बीमार रहती थी। सुनीता की अभी नई-नई शादी हुई…

एक पत्र किताबों के नाम | Ek Patra Kitabon ke Naam

एक पत्र किताबों के नाम | Ek Patra Kitabon ke Naam

सुनो सखी, तुम्हें पता है ,किताबें महज अब एक रद्दी बनकर रह गई,एक वक्त था जब लगाव था किताबो से सबको,लेकिन आज मोबाइल ने इसकी अहमियत ही खत्म कर दी,जो शब्द किताबों में लिखे होते थे,उनमें खुद से जुड़ी भावनाएं अपनेपन का एहसास कराती थी,आज मोबाईल में सोशल साइट्स में कब वक्त बीत जाता पता…

“भारतीयता का अमृत-कलश “

“भारतीयता का अमृत-कलश “

यह स्वतंत्र भारत का अमृत-काल है। भारत को 1947 में मिली आजादी का द्विवर्षीय (2022-2023 ) अमृत महोत्सव काल, हम सभी भारत वासियों के लिए बहुत हर्ष और गर्व का विषय है। हिमालयं समारभ्य यावत् इंदु सरेावरम् । तं देवनिर्मितं देशं हिंदुस्थानं प्रचक्षते ॥ उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम् । वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र…

भक्त कवि तुलसीदास जी | Tulsidas ji

भक्त कवि तुलसीदास जी | Tulsidas ji

मध्यकालीन हिंदी भक्त कवियों में तुलसीदास जी संभवत ऐसे कवि थे जिन्होंने व्यवस्थित साहित्य का सृजन किया। उनका जन्म संवत् 1554 की श्रवण सप्तमी के दिन अभुक्त मूल नक्षत्र में हुआ था।कहा जाता है की बचपन में ही उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी ।वह द्वार द्वार रोते बिलखते भीख मांगा करते थे। जिसका…

श्री अरविंद | ऐसा क्रांतिकारी संत जिसके जन्मदिन पर देश को आजादी मिली

श्री अरविंद | ऐसा क्रांतिकारी संत जिसके जन्मदिन पर देश को आजादी मिली

इस मातृभूमि में एक ऐसा भी दिव्य और अलौकिक संत पैदा हुआ जिसने अपने त्याग तपोमय जीवन से इतनी ऊर्जा पैदा किया कि अंग्रेजों को इस देश से छोड़कर जाना पड़ा। भारत भूमि संतों की भूमि कहलाती है। या ऐसे ऐसे संत पैदा हुए जिनकी यशोगाथाएं युगों युगों तक याद की जाती रहेंगी। 15 अगस्त…

sant ganga das

संत गंगादास | वह संत जिसने लक्ष्मीबाई को मुखाग्नि दी

कहा जाता है कि संतों का राजकाज से क्या नाता? परंतु कुछ विरले संत ऐसे भी होते हैं जो अपने कार्यों के द्वारा राजसत्ता को भी पलट सकते हैं । संत गंगा दास जी ऐसे ही संत थे। जिन्होंने जहां एक तरफ जनमानस को अपनी वाणी के द्वारा जागृति प्रदान की वहीं अपनी लेखनी के…

Rabindra Nath Tagore

साहित्यिक ऋषि थे : रविंद्र नाथ टैगोर

पुण्य तिथि ७ अगस्त विशेष साहित्य साधना है। साहित्यकार व साधक है जो अनवरत साधना के बल पर महान साहित्य का सृजन करता है । जिन भी साहित्यकारों ने कालजयी रचनाएं लिखी हुई वह महान साधक भी थे। साहित्य लेखक का प्राण होता है । जब तक कोई पाठक चेतना के उस परम तत्व को…