Hey Bhagwan Bhojpuri Kavita

ताक द हम पे हे भगवान | Hey Bhagwan Bhojpuri Kavita

ताक द हम पे हे भगवान ( Taak da hum pe hey Bhagwan )    अब उब गईल बानी इ जिंदगी से कहवा बा तोहर ध्यान हम अग्यानी, मुरख, बेचारा ताक द हम पे हे भगवान हर जगह बा तोहर ठिकाना हम में बसल बा तोहर प्राण तोहर इसारा बिना ना हिले तिनका तिनका न…

Bechar Bhojpuri Kavita

बेचारा | Bechar Bhojpuri Kavita

बेचारा ( Bechara )   जब से गरीबी के चपेट में आइल भूख, दर्द, इच्छा सब कुछ मराइल खेलें कुदे के उम्र में जूठा थाली सबके मजाइल का गलती, केके क‌इलक बुराई जे इ कठीन घड़ी बा आइल ना देह भर के पावेला जामा ठंडा, गमी, बरसात सब आधे पे कटाइल ठिठुर-ठिठुर गावेला गाना जल्दी-जलदी…

Ladakpan par Bhojpuri kavita

लड़कपन | Ladakpan par Bhojpuri kavita

लड़कपन ( Ladakpan )   देखऽ-देखऽ ठेला वाला आइल ओपे धर के मिठाई लाइल दु प‌इसा निकाल के देदऽ जवन मन करे मिठाई लेलऽ खुरमा खाजा रसगुल्ला राजा इमरति अउर चन्दकला बा ताजा बर्फी, hमलाई हऽ मिठाई के भाई बुनिया सेव अउर गुलाब जामुन गाजा आवे ला खाये में खुबे माजा बाबु जी ग‌इल बाने…

Jaral Bhojpuri kavita

जरल | Jaral Bhojpuri kavita

” जरल “ ( Jaral )    पहिले अपना के झांक तब दुसरा के ताक काहे तु हसतारे कवन कमी तु ढकतारे घुट-घुट के मरतारे दुसरा से जरतारे तोहरों में बा कुछ अच्छा ज्ञान खोज निकाल अउर अपना के पहचान मेहनत के बल पे आगे बढ़ जवन कमी बा ओकरा पुरा कर ना कर सकेले…

Jungle par Bhojpuri kavita

जंगल | Jungle par Bhojpuri kavita

” जंगल “ ( Jungle )    जंगल हऽ देश के थाथी जे में रहे हाथी गाछ, पेड़ बरसाती चिता, शेर अउर क‌ई गो जाती जंगल हऽ देश के थाथी जे में रहे सब जानवर के निवास सब चिड़ियन के रहे वास जड़ी बुटी के सब प्रजाती जंगल हऽ देश के थाथी सब फल के…

Roti par Bhojpuri kavita

रोटि | Roti par Bhojpuri Kavita

” रोटि “ ( Roti )    बड़ी अजीब दुनिया बा रोटी उजर तावा करिया बा केहु पकावे केहु खाये कुर्सी पे ब‌इठ हाथ हिलाये जे पकाय जरल खाये सुन्दर रोटी कुर्सी के भाये खुन जरे पसिना आये तावा पे जाके सुन्दरता लाये जे खुन जराये पसिना लाये ओके खाली दुख भेटाये ।   कवि –…

Poem on rupees in Bhojpuri

रोपया | Poem on rupees in Bhojpuri

” रोपया “ ( Ropya )    रोपया के ना कवनो जात जे के ज्यादा उहे बाप उहे दादा उहे भाई चाहे हो क‌ईसनो कमाई रोपया से समान मिलेला जित धरम अउर शान मिलेला रोपया से सब कुछ खरीदाला कोट कचहरी अउर न्याय बिकाला रोपया में बा अ्इसन बात रोपया के ना कवनो जात रोपया…

Belana-chauki par Bhojpuri kavita

बेलना-चौकी | Belana-chauki par Bhojpuri kavita

बेलना-चौकी ( Belana-chauki )   तोहरा का बनेके बा बेलना या चौकी बेलना दबावेला, बजावेला, घुमावेला चौकी देखेला, सहेला, निभावेला चौकि जानेला, मानेला, पहचानेला बेलना कुचलेला, उछलेला, ठुकरायेला बेलना जब-जब फिसलेला चौकि तब-तब रोकेला बेलना बार-बार उमड़ के जायेला चौकि ‌‌‌रुक शांत हो मुसकरायेला दुनु के क‌इसन मेल बा बेलना अउर चौकि के क‌इसन खेल…

Pagal Bhojpuri kavita

पागल | Pagal Bhojpuri kavita

” पागल “ ( Pagal )    दरद के आग बा ओके दिल में, रोये ला दिन रात देख- देख के लोग कहेला, पागल जाता बडबडात   रहे उ सिधा साधा, माने सबके बात लूट लेलक दुनिया ओके, कह के आपन जात   आज ना कवनो बेटा-बेटी, नाही कवनो जमात नाही पाकिट में एगो रोपया,…

Bhojpuri kavita majboor

मजबूर | Bhojpuri kavita majboor

मजबूर ( Majboor )   खुन के छिट्टा पडल, अउर पागल हो ग‌इल ना कवनो जुर्म क‌इलक, कवन दुनिया में खो ग‌इल जब तक उ रहे दिवाना, शान अउर पहचान के सब केहू घुमत रहे, लेके ओके हाथ पे आज समय अ्इसन आइल बा, लोग फेंके ढेला तान के कहां ग‌इल मानवता, सभे हंसे जोर…