मिर्ज़ा ग़ालिब

मिर्ज़ा ग़ालिब की टॉप 20 शेर | Top 20 Sher of Mirza Ghalib

मिर्ज़ा ग़ालिब की टॉप 20 शेर ( Top 20 Sher of Mirza Ghalib )   1.हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है 2.मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले 3.हज़ारों ख़्वाहिशें…

Nazm Chikhloli Station

चिखलोली स्टेशन | Nazm Chikhloli Station

चिखलोली स्टेशन ( Chikhloli Station ) चिखलोली स्टेशन बनाने लगे हैं, वर्षो के ख्वाब वो सजाने लगे हैं। अभी तक बना है न ऐसा स्टेशन, मेरे दिल के तार वो गुदगुदाने लगे हैं। शैशव अवस्था में अभी हमने देखा, निगाह-ए -तलब वो बढ़ाने लगे हैं। उतरते हैं बादल इसे चूँमने को, छूकर हँसी वो लुटाने…

Mere Aabad Watan

वतन की ख़ातिर | Watan ki Khatir

वतन की ख़ातिर ( Watan ki Khatir )   वतन की ख़ातिर लड़ने चले हम मुहब्बत देश से इतनी करे हम मिटे देंगे अदू अपने वतन के अमन के ही रखेंगे सिलसिले हम न सरहद पार दुश्मन कर सके है करेंगे बंद वो हर रास्ते हम कहाँ तू भागकर अब तो जायेंगा मिटा देंगे अदू…

मुस्तकिल अंधेरा | Mustaqil Andhera

मुस्तकिल अंधेरा | Mustaqil Andhera

मुस्तकिल अंधेरा ( Mustaqil Andhera ) धीरे-धीरे अंधेरा गहराता जा रहा है, हर शय को यह धुंधलाता जा रहा है, दुनिया की हर रंगत स्याह हो रही है, ये काजल आँखों में समाता जा रहा है, बाहर का अंधेरा अंतर्मन पे भी छा रहा है, जीने की हरआरज़ू को यह अब खा रहा है, सोचता…

बरतरी | Bartari

बरतरी | Bartari

बरतरी ( Bartari )   क़दमों को संभाल कर चलो भटक जाएंगे, सर झुकाए रखो चुनरी सरक जाएंगे, हम बेटियों को ही यह नसीहतें करते जाएंगे, बेटों को कहते नहीं कि निगाहों से भटक जाएंगे, कपड़ों पर तो कभी श्रृंगार पर टिप्पणी करेंगे, क्यों उनके ही जज़्बात फांसी पर लटक जाएंगे, लड़के क्यों नहीं नज़रें…

हसद

हसद | ईर्ष्या

हसद ( Hasad )   हज़ारों रत्न उसके तकिये के नीचे हैं, मगर मेरे इक पत्थर पर वो मरता है, उसकी इक नज़र तरसते हैं रत्न उसके, उन्हें भूलके मेरे अदना पत्थर पे निगाह रखता है, यही आज इस दुनिया का चलन हो गया, जलन/हसद से भरा सारा ज़हन हो गया, दुनिया की सारी नेमतें…

ऐ मेरे गाँव | Aye Mere Gaon

ऐ मेरे गाँव | Aye Mere Gaon

ऐ मेरे गाँव ( Aye Mere Gaon )   ऐ मेरे गाँव की रौशन गलियाँ तुम यूँही मेरी राहें तकना, हाँ हम लौटके आएंगे ज़रूर, तुम आँखें बिछाए रहना, चाहे किसी भी जहान चले जाएं तुमको भूल न पाएंगे, तेरा इंतज़ार भी ख़त्म होगा, यह उम्मीद लगाए रहना, सुबह तुझे अलविदा कह निकलें, शामें तेरे…

Nazm Aankhon ki Shararat

आँखों की शरारत | Nazm Aankhon ki Shararat

आँखों की शरारत ( Aankhon ki Shararat )   तूने अभी तक मेरी मोहब्बत नहीं देखी, मेरे इन आँखों की शरारत नहीं देखी। नित्य आती हो ख्वाबों में तू देर रात मेरे, मेरी इन आँखों की तूने रंगत नहीं देखी। मैंने कितनी रातें गुजारी तेरी तन्हाई में, मगर तूने मेरी वो मुसीबत नहीं देखी। पहले…

ग़र्ज़ के रिश्ते

ग़र्ज़ के रिश्ते | Garz ke Rishte

ग़र्ज़ के रिश्ते ( Garz ke Rishte )   कुछ एक रिश्ते ऐसे भी होते हैं, जो बिना ग़र्ज़ के बने होते हैं, उनकी शानो-शौकत न देखी जाती, जिनको हमारे दिल ने चुने होते हैं, ग़र्ज़ के रिश्तों में चाहत के निशाँ न मिले, उनमें तो महज़ ग़र्ज़ के धूल भरे होते हैं, ग़र्ज़ की…

रिवाज़

रिवाज़ | Poem Riwaz

रिवाज़ ( Riwaz ) जब चाहा अपना बना लिया, जब चाहा दामन छुड़ा लिया, रिश्तों को पामाल करने का, ये रिवाज़ किसने बना दिया, रोज़ ही निकलने लगे एहसासों के जनाजे, क़त्लगारी का, यह कैसा चलन बना दिया, किसी की ख़ुशियाँ न देखी जाती किसी से, हर कोई किसी ने दो गज़ कोना बना लिया,…