आँसुओं में ग़मों को बहाता है क्यूं

आँसुओं में ग़मों को बहाता है क्यूं | Aansu Shayari

आँसुओं में ग़मों को बहाता है क्यूं ( Aansuon mein gham ko badhata hai kyon )    आँसुओं में ग़मों को बहाता है क्यूं। जो ख़ज़ाना है उसको लुटाता है क्यूं।।   कौन समझा किसी दिल पे गुजरी हुई । ज़ख्म दिलके सभीको दिखाताहै क्यूं।।   फल मिलेगा सभी को किए का यहां। पाप करते…

है कहां वो प्यार तेरे गांव में !

है कहां वो प्यार तेरे गांव में !

है कहां वो प्यार तेरे गांव में !     है कहां वो प्यार तेरे गांव में ! प्यार है जो दोस्त मेरे गांव में   खेलते थे हम जहां कंचे देखो है  पड़े पीपल का  मेरे गांव में   तू नहीं आया मिलनें मुझको कभी आ गये हम दोस्त तेरे गांव में   बाग़…

जिंदगी तूं हमें कमज़ोर न कर

जिंदगी तूं हमें कमज़ोर न कर

जिंदगी तूं हमें कमज़ोर न कर     छोड़ जिद जाने की अब जोर न कर। जिंदगी तूं हमें कमजोर न कर।।   जाग जायेंगे क्या क्या बोलेंगे, अरी पायल तूं इतना शोर न कर।।   कौन रह जायेगा इस दुनिया में हादसे इस कदर हर ओर न कर।।   जब सभी लोग बुरा कहते…

हो दोस्ती की बारिशें

हो दोस्ती की बारिशें

हो दोस्ती की बारिशें     तन्हाई कटती नहीं हो दोस्ती की बारिशें हो ख़ुदा अब ऐसी मुझपे आशिक़ी की बारिशें   प्यार से कोई निभाये दोस्ती का रिश्ता ये मत हो मुझपे ये कभी भी बेदिली की बारिशें   प्यार की बातें हमेशा हो किसी से गांव में हो नहीं मुझपे कभी नाराज़गी की…

तुम भा गए हो हमको कसम से

तुम भा गए हो हमको कसम से

तुम भा गए हो हमको कसम से   तुम भा गए हो हमको कसम से। तुम्हे चुरा ले कोई ना हम से।।   बनके तसव्वुर से हौले-हौले। दिल में बसे हो आकर के छम से।।   कितना पुराना है अपना नाता। मिलते रहे हो जन्मो जन्म से।।   है जगमगाता तेरा ये मुखङा। हो चांद…

फूल खिलते है मेरे गांव में!

फूल खिलते है मेरे गांव में!

फूल खिलते है मेरे गांव में!   फूल खिलते है मेरे गांव में! नफ़रतों की शहर में तेरे बू है   छाओं में खेला करते थे कंचे सब नीम का था इक पड़े जो गांव में   शहर में तो है शरारे नफ़रत के प्यार की ही है बहारें गांव में   गंदगी देखी  है…

जो सच है सो सच है

जो सच है सो सच है

जो सच है सो सच है     जो सच है सो सच है, अनदेखा क्यों करें हम सदा की तरह भीड़ का ही पीछा क्यों करें हम   जिन्हे रहती नहीं हमारी कोई खबर उनको बार बार यूँ देखा क्यों करें हम   कोई अहल-ए-वफ़ा पर कुछ कहता क्यों नहीं इसी बात पर हर…

ग़म की बारिश में मैं भीगता रह गया

ग़म की बारिश में मैं भीगता रह गया | Gam ki Shayari

ग़म की बारिश में मैं भीगता रह गया ( Gam ki baarish mein main bhigta rah gaya )   ग़म की बारिश में मैं भीगता रह गया उसकी यादों में ही डूबता रह गया   वो सनम गैरों से आशना हो गये मै उन्हें ख़ुद से ही रोकता रह गया   इश्क़ करके मुझे अब…

हो रही फूलों से आशिक़ी ख़ूब है

हो रही फूलों से आशिक़ी ख़ूब है

हो रही फूलों से आशिक़ी ख़ूब है   हो रही फूलों से आशिक़ी ख़ूब है! बरसी मुझपे ही जब शबनमी ख़ूब है   हो सकता जो नहीं हम सफर मेरा ही उसकी ही आरजू पल रही ख़ूब है   प्यार की बातें आगे नहीं है बढ़ी उससे आंखों से आंखें मिली ख़ूब है   लेकिन…

जिंदगी का सफर मुश्किलों से ढ़ला

जिंदगी का सफर मुश्किलों से ढ़ला

जिंदगी का सफर मुश्किलों से ढ़ला   जिंदगी का सफर मुश्किलों से ढ़ला। मंजिलें पा गया सोचकर जो चला।।   दोष क्या दें भला हम किसी और को। हर कदम पर यहां जिंदगी ने छला।।   दुःख-सुख को सदा थाम कर दिल सहा। चाह कुछ भी नहीं ना लबों पे गिला।।   फूंक कर ही…