मन मानता नहीं !

मन मानता नहीं | Poem man manta nahin

मन मानता नहीं ! ( Man manta nahin )   उसी से मिलनें को मन मानता नहीं! मुहब्बत से वही जब बोलता  नहीं   वही ऐसे गुजरा है  पास से मेरे मुझे  जैसे वही के जानता नहीं   सफ़र यूं जीस्त का तन्हा नहीं कटता अगर वो साथ मेरा छोड़ता नहीं   नहीं होती जुदा…

मुझे खुशी है की मेरा कोई अपना नहीं है

मुझे खुशी है की मेरा कोई अपना नहीं है | Mera koi apna nahi

मुझे खुशी है की मेरा कोई अपना नहीं है ( Mujhe khushi hai ki mera koi apna nahi hai )     बाक़ी ज़माना सा तो नहीं खलता है मुझे तू किसने कहा की मुझसे बेगाना है मुझे तू   मुझे खुशी है की मेरा कोई अपना नहीं है ऐ-खुदा क्यों इस कदर चाहता है…

खिल रहे है गुलाब पानी में !

खिल रहे है गुलाब पानी में | Gulab shayari

खिल रहे है गुलाब पानी में ! ( Khil rahe hai gulab pani mein )     खिल रहे है गुलाब पानी में! था पर वो  आफ़ताब पानी में   बारिशों ने सितम ऐसे ढाये घर बहे बेहिसाब पानी में   वो रोए है किसके लिये इतना ख़ूब भीगा नक़ाब पानी में   प्यार का…

ईद की आयी यारों हसीं रात है

ईद की आयी यारों हसीं रात है | Eid shayari

ईद की आयी यारों हसीं रात है ( Eid ki aayi yaaron haseen raat hai )     ईद की आयी यारों हसीं रात है हर तरफ़ खुशियों की चांदनी रात है   दुश्मनों के पहरे हट गऐ शहर से हां गमों की यारों ढ़ल गयी रात है   वरना खो जाऐगे शहर की गलियों…

ख़ुशी की ख़ुदा वो बहार दें !

ख़ुशी की ख़ुदा वो बहार दें | Khushi shayari

ख़ुशी की ख़ुदा वो बहार दें ! ( Khushi ki khuda wo bahar de )   ख़ुशी की ख़ुदा वो बहार दें! नहीं और ग़म का  ख़ुमार दें   सनम लौट आ घर मुझे मिलनें न तू और यूं इन्तजार दें   सभी दुख दिल से भूल जाऊं मैं कितना जिंदगी में तू प्यार दें…

बेटी को न परेशान करो 

बेटी को न परेशान करो | Poem on beti

बेटी को न परेशान करो  ( Beti ko na pareshan karo )     बेटी को न परेशान करो हर नारी का सम्मान करो   पढ़ने दो है जान वतन की शिक्षा से न उसको वीरान करो   दादी है नानी है मां है हां नारी का सम्मान करो   उल्फ़त से सीचो धरती मां…

ऐसा जहां में देखो हुस्ने शबाब उतरा

ऐसा जहां में देखो हुस्ने शबाब उतरा | Ghazal India

ऐसा जहां में देखो हुस्ने शबाब उतरा ( Aisa jahan mein dekho husne shabab utra )   ऐसा जहां में देखो हुस्ने शबाब उतरा जैसे जमीं पे ए यारों आफ़ताब उतरा   जिसकी महक ने ही दीवाना बना दिया है दिल में मगर ऐसा वो मेरे गुलाब उतरा   उल्फ़त फ़ना दिलों से अब हो…

था वो हुस्नो  शबाब से पानी

था वो हुस्नो शबाब से पानी | New ghazal

था वो हुस्नो शबाब से पानी   था वो हुस्ने  शबाब से पानी ख़ूब महका गुलाब से पानी   उतरेगा प्यार का नशा कैसे पी न ऐसे शराब से पानी   लें आया वो शराब पीने को जब मांगा है ज़नाब से पानी   रो पड़ा कोई शब्द यादों का यार छलका किताब से पानी…

याद आज़म को बहुत ही आ रही है आपकी

याद आज़म को बहुत ही आ रही है आपकी | Ghazal yaad aap ki

याद आज़म को बहुत ही आ रही है आपकी ( Yaad azam ko bahut hi aa rahi hai aapki )     याद आज़म को बहुत ही आ रही है आपकी ज़िन्दगी में रोज़ ही लगती  कमी है आपकी   इसलिये तो हम चले आये नगर मिलने तुम्हें की ख़बर कुछ भी नहीं हमदम मिली…

रोज़ उसकी आरजू ये जिंदगी करती रही

रोज़ उसकी आरजू ये जिंदगी करती रही | Aarzoo shayari

रोज़ उसकी आरजू ये जिंदगी करती रही ( Roz uski aarzoo ye zindagi karti rahi )     यार पाने को उसको ही बेकली करती रही रोज़ उसकी आरजू ये जिंदगी करती रही   पर यहाँ चेहरे हज़ारों थे नगर की  भीड़ में ज़ीस्त उसके फ़ासिलो का मातमी करती रही   क़ैद जैसे रूह उसकी…