
ईद की आयी यारों हसीं रात है
( Eid ki aayi yaaron haseen raat hai )
ईद की आयी यारों हसीं रात है
हर तरफ़ खुशियों की चांदनी रात है
दुश्मनों के पहरे हट गऐ शहर से
हां गमों की यारों ढ़ल गयी रात है
वरना खो जाऐगे शहर की गलियों में
दोस्त चल घर अब जल्दी हुई रात है
ढ़ल गयी रात वो नफ़रतों की सभी
देखिए भी मुहब्बत भरी रात है
दूर हो जाऐगे सब अधेरे ग़म के
देखिए तारों से ही खिली रात है
ख़त्म करने को बू नफ़रतों की मगर
प्यार की ख़ुशबू आती रही रात है
दोस्त तू जब गया आज़म को छोड़कर
जिंदगी में तन्हाई भरी रात है
️
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
यह भी पढ़ें :