Chhand karva chauth

करवा चौथ | Chhand karva chauth

करवा चौथ

( Karva chauth )

 

सुहागनें नारी सारी,
करवा चौथ मनायें।
कर सोलह श्रंगार,
गौरी चांद मना रही।

मनमीत प्रियतम,
प्राण प्यारे भरतार।
लंबी जीए उम्र जग,
मंगल कामना कहीं।

दिलों का पावन रिश्ता,
टूटे ना तकरार से।
प्रीत का झरना बहे,
प्रेम की सरिता बही।

धवल चांदनी सुधा,
उमड़ा सागर प्रेम।
पिया मन भाए प्रीत,
मुखड़ा चांद सा वही।

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रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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