जीवन एक पहेली
( Jeevan ek paheli )
सुख-दुख के डोर सी, बड़ी सुहानी भोर सी।
जीवन एक पहेली, जीते चले जाइए।
हंसती खिलखिलाती, मंद मंद सी मुस्काती।
पल-पल आनंद के, खुशी से बिताइए।
प्रेम की बहती धारा, खुशियों भरी बहार।
महकती चमन की, खुशबू को पाइए।
समस्या समाधान भी, यश कीर्ति विधान भी।
पौरुष का परिचय, जिंदगी में लाइए।
रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )