सिद्धिदात्री
( Siddhidatri )
मनहरण घनाक्षरी
नवशक्ति सिद्धिदात्री,
सिद्धियों की दाता अंबे।
साधक शरण माता,
झोली भर दीजिए।
ध्यान पूजा धूप दीप,
जप तप माला पाठ।
भगवती भवानी मांँ,
शरण में लीजिए।
पंकज पुष्प विराजे,
चतुर्भुज रूप सोहे।
कमलनयनी माता,
दुख दूर कीजिए।
शंख चक्र गदा सोहे,
वरदायिनी भवानी।
सुख समृद्धि की दाता,
वरदान दीजिए।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )