ख़ुशी खूब लाए चराग़ है | Chirag shayari
ख़ुशी खूब लाए चराग़ है
( Khushi khoob lae charaag hai )
ख़ुशी खूब लाए चराग़ है
मिटाने ग़म आये चराग़ है
उदासी करें दूर दीवाली
गली में सजाए चराग़ है
यहाँ ख़त्म करके अदावत को
बहुत घर बुलाए चराग़ है
न होगा लबों पर उदास पन
ख़ुशी जगमगाए चराग़ है
सदा रोशनी एकता के दे
वफ़ा के बुलाए चराग़ है
यहाँ ख़त्म हो दुश्मनी आज़म
बहुत वो जलाए चराग़ है
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
यह भी पढ़ें :-