सच कहूँ हमें आ रही है रोज़ यादें आपकी

सच कहूँ हमें आ रही है रोज़ यादें आपकी

सच कहूँ हमें आ रही है रोज़ यादें आपकी

 

 

सच कहूँ हमें आ रही है रोज़ यादें आपकी !

इसलिए देखे है आज़म फरीन राहें आपकी

 

दिल करे है देखता ही मैं रहूँ बस रात दिन

ए सनम इतनी  हंसी है ये आँखें आपकी

 

दूरियां जब से बढ़ी है प्यार में तुमसे सनम

रोज़ आती है उल्फ़त की याद बातें आपकी

 

हाँ हमेशा के लिए रक्खो मुहब्बत की ख़ुशबू

दें रही है जो मुहब्बत की बू सांसें आपकी

 

ग़ैर होने का लगेगा फ़िर नहीं  अहसास यूं

जिंदगी भर दें सहारा जो ये बाहें आपकी

 

जिंदगी से दूर आज़म की रहेगा ग़म सदा

हो अगर जो प्यार की यूं ही बरसाते आपकी

 

✏शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : 

प्यार के वो ही आज़म सहारे टूटे

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