चुनाव आइल बा | Chunav Par Bhojpuri Geet
चुनाव आइल बा
( Chunav aail ba )
आइल चुनाव बा…
नेता घुमेलें,
भर भर के गड़िया हो..
भर भर के गड़िया!
सांझ सबेरे दुपहरिया!!
नेता जी,
नेता जी आवेले,
हमके लुभावेलें।
कह कह के बतिया हो,
दीहें रोजगार आउर करीहें विकास हो।
पूरा हो जाइ अबकी सभन के आस हो,
लाचारी भटकी अब कबो#ना आसपास हो;
एतना रखीह# हम पर विश्वास हो।
रोडवा बनवाएम , अनुदानों दिलवाएम!
खाली रही केहू के ना अब जेब हो?
भूखले होइ ना अब केहूके बिहान हो।
स्कूल जाए लगीहें सभी के संतान हो,
सबका चेहरा पर खिल जाई मुस्कान हो;
वादा करेले …खूब सीना तान हो।
आइल चुनाव बा..
नेता घुमेलें,भर भर के गड़िया हो….
सांझे दुपहरिया..
भर भर के गड़िया….
हाथ जोड़, गोड़ पड़ वोट मांगेले,
देखे हैं सबको , हमको भी देख लें,
एक बारी मौका हमको भी देइ दें-
तब रउआ देखम , काम कइसे करीले?
खूब सेवा करम राउर,
दास बनके रहम राउर।
हाथ जोड़ तानी, पांव पड़ तानी,
बस एतने हमपर क# दीहीं मेहरबानी!
आइल चुनाव बा..
नेता घुमेलें …
भर भर के गड़िया हो…
दिने राते नेताजी अभी क्षेत्र में रहेले,
घरे घरे जाके सबसे निहोरा करेले।
आइल चुनाव बा..
नेता घुमेले….
जीतला के बाद इहे दर्शन ना दीहें,
कवनो काम लागी पटना बोलइहें।
नाहीं अइहें कबो इ जनता के काम में,
रहे लगीहें पटना में ऐशो आराम से।
वोटवा के लालच में अभी घुरियाइल बाड़े,
जीतला पर कहिएं!
तू के हउव#? ना चिन्हत बाड़े।
मुद्दा ना उठइहें कबो इ गांव किसान के,
सुतल रहीयें पांच साल चद्दर तान के।
लेकिन गांव के जनता अब जाग गइल बा,
अच्छा बुरा के पहचान गइल बा!
ना दोहरइहें जवन भूल पहीले भइल बा।
वोटवा के दिने अबकी मजा चखइहें,
अबकी कवनो जात पात न लालच में अइहें।
जनता जनार्दन बा…
अबके त# जागल बा….
नेता जी के अबकी जीतल मुश्किल बा!
अबकी गांवे के लड़िका के वोट दियाई,
साथ रही हमनी के साथहीं में खाई।
आशा बा हमनी के ई भ्रष्ट ना हो जाई,
एक बार एकरे के वोट दियाई।
काम करी अच्छा,आपन इ बच्चा!
लागी हमनी का इ आगे भी सच्चा ?
त आगहूं जीतावल जाई,
ना त फेर दोसर खोजाई;
लेकिन अब उ ना होई।
काम करें पड़ी हो नेताजी!
अब जाग गइल बा जनता जी !