देखो आज राम बन कितने रावण निकलेंगे | Kavita
देखो आज राम बन कितने रावण निकलेंगे
( Dekho aaj Ram ban kitne ravan nikalenge )
देखो ,आज राम बन कितने रावण निकलेंगे
जलाने इक काग़ज़ के बने उस रावण को
अब तो रावण भी राम नाम लेते
अपनी सोने की लंका बचाने को
वो इक गुनाह के पीछे दसों सिर गवा बैठा
अब हजार गुनाह कर जाते अपना इक सर बचाने को
रावण खुद पर रखता यकीन ज्यादा, उस एक भाई से
फिर देखता कौन आता तेरी उस लंका को मिटाने को
अंत काल में अहा राम! कहने पर प्रभु राम की गोद मिली
आज के ‘राम’ को क्या तुम आओगे साथ ले जाने को…
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
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