दिल का करार ले गए है मुस्कुरा के वो
दिल का करार ले गए है मुस्कुरा के वो

दिल का करार ले गए है मुस्कुरा के वो

 

 

दिल   का   करार  ले    गए   है   मुस्कुरा  के   वो।

जान   ले   चले  है  शरम  से  नज़र  झुका के वो।।

 

जब  मिले कभी है बींध कर ही दिल को चल दिए।

तीर  सी नज़र  से खींच कर निशाना लगा  के वो।।

 

शिद्त   से    उसे    ही   ढूंढता   सुने  नहीं  कभी।

चल  दिए  है  दिल  को  मेरे   दीवाना बना के वो।।

 

दिल  फना   सदा   हुआ  ये   चेहरे  को   देखकर।

खुद शमा की तरह चल दिए परवाना बना के वो।।

 

दर्द की   दवा  हो  जाए  अगर  झलक  हमें मिले।

बस “कुमार” पास   ही  रहे  बहाना  बना  के वो।।

 

 

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कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

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