love kavita || दिल में खुशियां हजार आ जाती
दिल में खुशियां हजार आ जाती
( Dil Mein Khushiyan Hajar Aa Jati )
दिलमें खुशियां हजार आ जाती,
तुम जो आते बहार आ जाती।।
सुना है अपनों ने ठुकराया है,
मेरे घर भी एक बार आ जाती।।
तेरे कंधे पर सिर मैं रख देता,
आंसुओं की फुहार आ जाती।।
मुंतजिर हूं उसे पता भी नहीं,
भूल से ही सरकार आ जाती।।
हाथ में दीप लेकर तुम आते,
शेष मेरी मज़ार आ जाती।।
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कवि व शायर: शेष मणि शर्मा “इलाहाबादी”
प्रा०वि०-नक्कूपुर, वि०खं०-छानबे, जनपद
मीरजापुर ( उत्तर प्रदेश )
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