दिल ने पुकारा तुमको | Ghazal
दिल ने पुकारा तुमको
( Dil ne pukara tumko )
प्यार भरी धड़कनों ने किया खूब इशारा तुमको
दिल की आवाज है यह दिल ने पुकारा तुमको
आ जाओ आज उतरकर महलों में रहने वाली
मुंतजिर तेरा हूं कब से मेरे मन ने पुकारा तुमको
सिंधु की लहरें मन में उठती पावन प्यार भरी
दिल की हसीं वादियां बुलाता नजारा तुमको
इठलाती बलखाती सरितायें संदेशा दे प्यार का
आवाज दे रहा दिल का सुहाना किनारा तुमको
गुल गुलशन गुलजार है दिल के चमन का
महकती फिजाएं सब करती इशारा तुमको
मुस्कान मेरे लबों की चेहरों पे खिल जाती
हंसती मुस्कुराती देखूं जब भी दुबारा तुमको
शहर सारा जगमगाता खिलता देख चेहरा तेरा
चांद का दीदार हो जाए दिल ने पुकारा तुमको
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )