Dil Udaas hai Shayari
Dil Udaas hai Shayari

आज़म क्यों न उदास रहे

( Aazam kyon na udaas rahe ) 

 

उल्फ़त का गाया साथ नग्मात नहीं है?
प्यार की करी कोई भी बात नहीं है

तक़दीर न जानें कैसी है अपनी तो
उल्फ़त को क्यों होती बरसात नहीं है

वरना प्यार वफ़ा मिलती हर पल उसको
समझे उसने दिल के जज़्बात नहीं है

झेल गया हूँ उसके फ़रेब दग़ा सब मैं
दी उसको फ़िर भी मैंनें मात नहीं है

जो खाता था कसमें साथ निभाने की
देख चला वो ही दो पल साथ नहीं है

फ़ेर लिया चेहरा हूँ जैसे ग़ैर यहाँ
की उसने ही आज मुलाकात नहीं है

आज़म क्यों न उदास रहे हर पल यूं ही
जीवन में उल्फ़त की सौग़ात नहीं है

 

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

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