दुआ से | Dua se
दुआ से
( Dua se )
रोज़ करता हूँ दुआ मैं वो ख़ुदा से
अब शिफ़ा मिले तेरी रब दवा से
रब बनाए रख नज़र ऐ रोज़ मुझपर
दूर हर पल मैं रहूँ रब हर बला से
जिंदगी से दूर खुशियाँ हुई यूं
हाँ नमाजो की यहाँ यारों क़ज़ा से
हो गया हूँ आज बेघर इस जहां में
उड़ गयी है झोपड़ी कल हवा से
ऐ अदू तू कुछ बिगाड़ सकता नहीं है
रब की ही हर काम होता है रज़ा से
आज पीली इस क़दर ग़म की शराब है
पूछूं घर का रास्ता किस आशना से
कर दुआ आज़म ख़ुदा से पढ़ नमाज़े
मुश्किलें हट जाती है सब दुआ से