Ek hi Mudda

एक ही मुद्दा | Ek hi Mudda

एक ही मुद्दा

( Ek hi Mudda )

 

रोज रोज रोज एक ही मुद्दा

हमें रोजगार चाहिए।

शासन सुशासन चाहिए।

विद्या का दान चाहिए।

भूखमरी पर रोकथाम चाहिए।

हमें सिर्फ रोजगार चाहिए।

हिंदुस्तान का प्रत्येक

व्यक्ति शिक्षावान चाहिए।

बढ़ती गरीबी पर अंकुश चाहिए।

युवाओं का भविष्य शानदार चाहिए।

न धर्म पर, न जातिवाद

पर कोई विवाद चाहिए।

घर घर रोजगार चाहिए

 

लेखिका :- गीता पति ‌(प्रिया)

( दिल्ली )

यह भी पढ़ें :-

देव भूमि की सैर | Poem dev bhoomi ki sair

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *