Footpath par kavita

फुटपाथ | Footpath par kavita

फुटपाथ

( Footpath )

 

सड़क के दोनों ओर,
होती एक फुटपाथ।
पैदल चलना हमे,
राह अपनाइए।

 

नीति नियम से चले,
जिंदगी की जंग लड़।
फुटपाथ पे जो आए,
ढांढस बताइए।

 

धन दौलत का कभी,
मत करना गुमान।
महलों से फुटपाथ,
दूर ना बताइए।

 

फुटपाथ की जिंदगी,
संघर्ष भरा पहाड़।
मेहनत के दम पे,
मंजिलों को पाइए।

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कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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