महात्मा गांधी | Gandhi jayanti kavita
महात्मा गांधी
( Mahatma Gandhi : Gandhi jayanti kavita )
( 2 )
गौरों की ताकत बांधी,
गांधी के रुप में आंधी थी।
बड़े दिल वाले फकीर थे,
वो पत्थर की अमिट लकीर थे।
पहनते थे वो धोती खादी,
रखते थे इरादे फौलादी।
उच्च विचार और जीवन सादा,
उनको प्रिय थे सबसे ज्यादा।
संघर्ष अगर तो हिंसा क्यों,
खून का प्यासा इंसा क्यों।
हर चीज का सही तरीका है,
जो बापू से हमने सीखा है।
क्रांति जिसने लादी थी सोच
वो गांधी वादी थी,
उन्होंने कहा करो अत्याचार,
थक जाओगे आखिरकार।
जुल्मों को सहते जाएगे,
पर हम ना हाथ उठाएगें।
एक दिन आएगा वो अवसर,
जब बांधोगे अपने बिस्तर।
आगे चल के ऐसा ही हुआ ,
गांधी नारों ने उनको छुआ।
आगे फिरंगी की बर्बादी थी,
और पिछे उनकी समाधि थी।
गौरों की ताकत बांधी थी,
गांधी के रुप में आंधी थी।
लता सेन
इंदौर ( मध्य प्रदेश )
( 1 )
आज का दिन हमें याद रहे।
बापू तो सदा आबाद रहे।।
दिया सत्य का ज्ञान,दो देश पे ध्यान,
ये बात बताई हमको जी।
कर्मवीर बनो और आगे बढ़ो,
स्वाधीन बनाया हमको जी।
खिले फूल सदा जो गुलाम रहे।
बापू तो सदा आबाद रहे।।
करो कम खर्चा,चाहे चले चरखा,
और देश की चीज को काम में लो।
हो समय पाबंद आलस्य बंद,और
भाई से भाई गले मिल लो।
अहिंसा का ज्ञान हमें याद रहे।
बापू तो सदा आबाद रहे।।
तुम त्यागी बनो,ना दागी बनो,
और कथनी करनी एक रहे।
तज पाप कपट, भर प्रेम के घट,
हो मानवता हम नेक रहें।
सर्व धर्म सदा समभाव रहे।
बापू तो सदा आबाद रहे।।
हमें ज्ञान दिया,और ध्यान किया,
इस मा पर शीश चढ़ा देंगे।
जांगिड़ जो कहे,एक कतरा रहे,
दुश्मन को पाठ पढ़ा देंगे।
पर मिलजुल कर हम एक रहें।
बापू तो सदा आबाद रहें।
आज का दिन हमें याद रहे।।
कवि : सुरेश कुमार जांगिड़
नवलगढ़, जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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