छुट्टा पैसा और गरीब आदमी | Gareeb Aadmi
छुट्टा पैसा और गरीब आदमी
( Chutta paisa aur gareeb aadmi )
छुट्टा पैसा और गरीब आदमी
दोनो ही काम के हैं ।
बड़ी नोट, बड़ा आदमी
बड़े नाम के हैं।
छुट्टा पैसा को, कुछ लोग
चिल्लर भी कहते है ।
जैसे गरीब आदमी को
समझदार लोग ढिल्लर कहते है।
गरीब आदमी, धनी के आवाभगत में
खुद पानी पीने को , भूल जाता है।
उसी तरह छुट्टा पैसा, पांच सौ की
नोट के साथ मिलकर,
पांच सौ एक बनकर शुभ शगुन
कहलाता है ।।
गौर से देखा, क्या ये दोनो
कम दाम के हैं।
छुट्टा पैसा, और गरीब आदमी
दोनो ही काम के हैं ।।
गरीब आदमी न हो तो कौन,
रक्खे गा तुम्हारी, सुख सुविधाओ
का ध्यान ।
छुट्टा पैसा न हो तो, सही समय
सही जगह पर, कौन बड़ाये गा
तुम्हारा मान।।
मंदिर हो मस्जिद हो, या हो शमशान,
छुट्टा पैसा, गरीब आदमी ही, तुम्हे बनाते हैं, महान
मानो या न मानो, ये दोनो रौनक
हर महफिल हर शाम के हैं।
छुट्टा पैसा गरीब आदमी दोनो ही
काम के हैं।।
छुट्टा पैसा न हो तो, बडी से बडी,
नोट, मु देखती रह जायेगी
य तो थोड़ी देर में, चिल्लर में
बदल जायेगी ।
गरीब आदमी न हो तो तुम्हारा
सामान और तुम खड़े के खड़े
रह जाओगे, और रेल
निकल जायेगी ।।
हमारी रहीसियत, हमारी शनोसोकत
इन्ही दोनो हरी नाम से है।
छुट्टा पैसा, गरीब आदमी दोन काम के है।
बडी नोट, बडा आदमी, बड़े नाम के हैं।।
ग्राम व पोस्ट जोनिहां,तहसील बिंदकी,
जनपद फतेहपुर ( उत्तर प्रदेश )