ghar ghar tiranga lahraye
ghar ghar tiranga lahraye

घर घर तिरंगा लहराए

( Ghar ghar tiranga lahraye )

 

घर-घर तिरंगा लहराए, हम गीत वतन के गाए।
शौर्य पराक्रम की गाथा, जन मन जोश जगाये।
घर-घर तिरंगा लहराए, घर-घर तिरंगा लहराए।

 

आजादी जश्न मनाएं, जन गण मन गाए प्यारा।
वंदे मातरम वंदे मातरम, सबका है एक ही नारा।

 

क्रांति काल में कूद पड़े, सीने पर गोली खाए।
मातृभूमि को शीश चढ़ा, शहीद वो कहलाए।
घर-घर तिरंगा लहराए,घर-घर तिरंगा लहराए।

 

रणवीरों के गीत तराने, सब झूम झूमकर गाते।
आजादी दिवस हमारा, मिलकर सभी मनाते।

 

सद्भावों की बहती धारा, राष्ट्र धारा हम लाए।
देशभक्ति दीप जला, जन मन उमंग जगाए।
घर-घर तिरंगा लहराए, घर-घर तिरंगा लहराए।

 

हरियाली से हरी भरी हो, पावन धरा हमारी।
अमन चैन शांति फैले, खिल जाए फुलवारी।

 

अपनापन बांटे सलोना, खुशियां घर-घर आए।
होठों पे मुस्कान मधुर, तराने देश प्रेम के गाए।
घर-घर तिरंगा लहराए, घर-घर तिरंगा लहराए।

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कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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