चमन में खूबसूरत गुल कोई जब मुस्कुराता है | Ghazal chaman mein
चमन में खूबसूरत गुल कोई जब मुस्कुराता है
( Chaman mein khoobsurat gul koi jab muskurata hai )
चमन में खूबसूरत गुल कोई जब मुस्कुराता है !
मुझे उनका हसीं चेहरा सुहाना याद आता है !!
थीं आंखों में मेरी जिंदा बहारें उनकी सूरत में
बना दिल मेरा उनका था निशाना यादआता है !!
जुबाॅं चुप थी,नजर हैरान, थी माथे शिकन मेरे
मेरी हालत पे उनका मुस्कुराना याद आता है !!
खता करदी समझकर वो मेरा खामोश हो जाना
तो उनका शोखियों से गुदगुदाना यादआता है !!
मुझे आकर डरा देना कहीं से भूत बनकर फिर
मेरे आगोश में आ खिलखिलाना याद आता है !!
वो सब हालात बीते मुतवतर फिर याद आते हैं
उन्हें पा दुनिया सारी भूल जाना याद आता है !!
बुझा देना मेरी हर प्यास अपनी चाहतों से आ
मेरी तारीकियों को जगमगाना याद आता है !!
मिला था जैसे कारूॅं का खजाना याद आता है
कभी अपना भी था ऐसा जमाना याद आता है !!
मेरी चाहत का पंछी पा गया “आकाश” था पूरा
मुझे अक्सर ही वो मंजर सुहाना याद आता है !!
कवि : मनोहर चौबे “आकाश”
19 / A पावन भूमि ,
शक्ति नगर , जबलपुर .
482 001
( मध्य प्रदेश )