दिल में जिसके ही आरजू होती

दिल में जिसके ही आरजू होती | Shayari on Aarzoo

दिल में जिसके ही आरजू होती

( Dil me jiske hi aarzoo hoti )

 

 

दिल में जिसके ही आरजू होती

काश उससे कुछ गुफ़्तगू होती

 

जब से टूटी है  दोस्ती तुझसे

बातें तेरी मेरी  हर सू होती

 

जीस्त तन्हा नहीं गुजरती फ़िर

जिंदगी में अगर जो तू होती

 

वो अगर मिल गया होता मुझको

रोज़ उसकी न जुस्तजू होती

 

बात दिल की उसे कह देता मैं

वो अगर  आज़म रु ब रु होती

 

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

 

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