हम ने देखा है | Ghazal Hamne Dekha hai
हम ने देखा है
( Hamne dekha hai )
नारसीदा से किसी पैमान सी।
हर ख़ुशी है कॉंच के गुलदान सी।
हम ने देखा है बहुत ही ग़ौर से।
ज़िन्दगी है जंग के मैदान सी।
कहने को दाना बहुत है दिल मगर।
हरकतें करता है कुछ नादान सी।
काम देखो तो हैं शैतां से बुरे।
वैसे उसकी शक्ल है इन्सान सी।
हम भी शरमाते हैं अब मिलते हुए।
वो भी घर आती है अब मेहमान सी।
सैंकड़ों मतलब हैं इसके दोस्तो।
बात है वैसे मिरी आसान सी।
कैसा यह जश्न-ए-बहारां है फ़राज़।
हर गली है मुन्जमिद सुनसान सी।
पीपलसानवी