मैं खूबसूरत नहीं | Ghazal Main Khubsurat Nahi
मैं खूबसूरत नहीं
( Main Khubsurat Nahi )
कोई मुझे पसंद करे इतना मैं खूबसूरत नहीं !
देखता यहां कोई ज़माने में भली मूरत नहीं !
गोरी घनी सूरत के सब कायल रहे होते सदा,
मेरी ज़माने को यहां, कोई जरुरत ही नहीं !
होते वो किस्मत के धनी जिन्हे मिले कोई परी,
कोई हसीं मुझ पर फ़िदा ऐसी मेरी सूरत नहीं !
देखे बहुत हुस्नो ज़माल मगर मिला वैसा नहीं,
मेरे जैसा सारे जहां देखा जो बदसूरत नहीं !
आये मेरी ख़ातिर लिए हाथो में वर माला सजी,
मेरे लिए ऐसा यहां निकला अभी मुहरत नहीं !!
डी के निवातिया