पहली दफ़ा | Pehli Dafa
पहली दफ़ा
( Pehli Dafa )
जबसे तुम्हें देखा है जीने की हसरत हुई है,
पहली दफ़ा ख़ुद से हमको मोहब्बत हुई है,
सुन ज़रा तू ऐ मेरे हमराज़ ऐ मेरे हम-नशीं,
तेरे आने से मुर्दा-ए-दिल में हरकत हुई है,
तू पास है दिलमें जश्न-ए-बहारां हर रोज़ है,
तेरे बिन तो फ़क़त ख़िजाँ की बरकत हुई है,
तेरा शुक्रिया मेरे ख़ुदा तुने नज़रें करम किऐ,
तेरी इक नज़र से…मेरे घर भी रहमत हुई है!
आश हम्द
( पटना )