तुम्हारा दिल | Ghazal Tumhara Dil
तुम्हारा दिल
( Tumhara Dil )
तुम्हारा दिल जो चुरा ले वो सीन थोड़ी है
ग़ज़ल हमारी ये ताज़ातरीन थोड़ी है
उठाए कैसे तेरे नाज़ ये भी बतला दे
हमारे दिल में फ़क़त तू मकीन थोड़ी है
कहाँ तलक न लगे उसको बद नज़र सबकी
हमारे जैसा वो पर्दानशीन थोड़ी है
वो हमको जान से ज़ाइद अज़ीज़ है लेकिन
हमारी बात का उसको यक़ीन थोड़ी है
समझ सके जो बुराई भलाई को जग की
नज़र किसी की भी इतनी महीन थोड़ी है
उसे भी पड़ती है आराम की यहाँ हाजत
हुज़ूर माँ है वो कोई मशीन थोड़ी है
मैं उसको कहने को कहता हूँ हूर जन्नत की
मगर वो हमनवा इतनी हसीन थोड़ी है
मिले जो दाद हमें आपसे कभी मीना
हमारी शायरी इतनी ज़हीन थोड़ी है
कवियत्री: मीना भट्ट सिद्धार्थ
( जबलपुर )
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