यह हा़ल है हमारा | Ye Haal Hai Hamara
यह हा़ल है हमारा
( Ye Haal Hai Hamara )
यह हा़ल है हमारा मुरव्वत के बाद भी।
तन्हा खड़े हैं सबसे मुह़ब्बत के बाद भी।
अल्लाह जाने किसकी लगी है नज़र हमें।
अफ़सुर्दगी है रुख़ पे मुसर्रत के बाद भी।
रह-रह के उनकी याद सताती है इस क़दर।
आती नहीं है नींद मशक्कत के बाद भी।
लाया यह किस मुक़ाम पे मेरा जुनूं मुझे।
बेताब दिल है उनकी इ़नायत के बाद भी।
क़नून की यह कैसी ह़ुकूमत है बोलिए।
बेख़ौफ़ राहज़़न हैं शिकायत के बाद भी।
यह ह़ाल मेरे मुल्क के खेती हरों का है।
सोते नहीं सुकून से मेह़नत के बाद भी।
रखते नहीं ग़रज़़ जो ह़ुकूकुल इ़बाद से।
पाएंगे वो सज़ाएं इ़बादत के बाद भी।
क़िस्मत का खेल क्यों न कहें हम इसे फ़राज़।
मसनद नशीं हैं लोग जहालत के बाद भी।
पीपलसानवी