गुरु नानक देव | Guru Nanak dev ji poem in Hindi
गुरु नानक देव
( Guru Nanak Dev )
सिख धर्म के संस्थापक प्यारे गुरु नानक देव हमारे।
प्रकाश पर्व जयंती मनाये गुरु ज्ञान आलोकित तारे।
धर्म सुधारक समाज सुधारक योगी धर्मगुरु कहलाए।
दार्शनिक गुण धर मन मानस देशभक्ति राह अपनाए।
वाहे गुरुजी का दरबार सजता गुरुद्वारे गूंजे कीर्तन कर।
धर्म की रक्षा करें खुश रहे जीए सबको खुशियां देकर।
अमन चैन भाईचारे का संदेश जन-जन पहुंचाया।
खुद पर करें भरोसा पहले जग मे वही विजय पाया।
औरों की करो मदद सब तो ईश्वर को पा जाओगे।
अनमोल वचन गुरुदेव के धारण कर सुख पाओगे।
दान दया सद्भावो की अविरल धारायें बहती है।
सत्य सादगी लगन निष्ठा भक्ति भावना रहती है।
गुरुदेव के मधुर वचन सदा जीने की राह दिखाते हैं।
प्रगाढ़ प्रेम परमेश्वर में आस्था धर्म ध्वजा लहराते हैं।
रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )