तेरे नाम का सहारा

( Tere naam ka sahara ) 

 

तेरे नाम का सहारा,मेरे वास्ते बहुत है
तेरा एक ही इशारा,मेरे वास्ते बहुत है

मेरी धड़कनों में तू ही,मेरी बस नज़र में तू ही
तेरा हर घड़ी नज़ारा,मेरे वास्ते बहुत है

मुझे दौलतें भी बख़्शी,मुझे शोहरतें भी बख़्शी
ऐ ख़ुदा करम तुम्हारा,मेरे वास्ते बहुत है

मेरी नाव थी भंवर में,तू किनारे लेके आया
बुरे वक़्त में किनारा,मेरे वास्ते बहुत है

तेरे मंदिरों की घंटी,मुझे रोज़ है बुलाती
मुझे तूने है पुकारा,मेरे वास्ते बहुत है

मुझे अगले जन्म में भी,तू बनाना दास अपना
मैं बनूँ तेरा दुबारा,मेरे वास्ते बहुत है

मेरे लफ़्ज़ लफ़्ज़ में भी,मेरी बात बात में भी
ये जो तू है आशकारा,मेरे वास्ते बहुत है

तू अगर न पास होता,तो ‘अहद’ भटकता रहता
तूने ज़ीस्त को सँवारा,मेरे वास्ते बहुत है !

 

शायर: :– अमित ‘अहद’
गाँव+पोस्ट-मुजफ़्फ़राबाद
जिला-सहारनपुर ( उत्तर प्रदेश )
पिन कोड़-247129

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