हे करतार सुनो | kavita
हे करतार सुनो
( Hey karataar suno )
हे जग के करतार सुनो हरि दीनों के दातार सुनो
करुणानिधि करुणासागर प्रभु लखदातार सुनो
दुनिया के रखवाले सुन लो गीता सार सुनाने वाले
सारे जग के तारणहारे किस्मत को चमकाने वाले
सब को जीवन देने वाले सब की पीड़ा हरने वाले
नैया पार लगाने वाले झोली सबकी भरने वाले
दीनबंधु दया सागर मुरली मनोहर नटवर नागर
मुस्कानों के मोती बांटो कृपा सिंधु हे करुणाकर
चक्र सुदर्शन धारी माधव सारे जग के हो रखवाले
केशव करो कृपा निज शरण तिहारी तुम्ही सहारे
सृष्टि पालक नीति नियंता बरसाओ कृपा भगवंता
आप चराचर स्वामी हो शरण आपकी साधु संता
सद्भावों की लहर बहा दो पावन प्रेम गंगा ला दो
जीवन पथ पर हो उजियारा भाग्य तारे चमका दो
घर-घर में अनुराग छाये खुशियों की घड़ियां आए
कुदरत ऐसा रंग बरसाए खुशहाली घर आ जाए
दमक उठे चेहरे सारे गूंज उठे प्रभु तेरे जयकारे
खिल जाए चमन दिलों के बहती रहे भावन बहारें
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )