मां सरस्वती

हे मां सरस्वती

( Hey Maa Saraswati )

 

मां सरस्वती कहती स्वर से स्वर मिलता है,
वाणी का सुर आज नहीं तो,कल मिलता है।

मां सरस्वती कहती विचलित न होना सवाल से,
काफी अड़चन आती है आगे उसका हल मिलता है।
वाणी का सुर आज नहीं तो कल मिलता है।

मां सरस्वती कहती दिल भी खोद कर देखो,
उसके अंदर,कभी ना कभी दिल मिलता है,
वाणी का सुर आज नहीं तो,कल मिलता है।

मां सरस्वती कहती गायन दुख से टूट न जाना
मेहनत के बाद में सुख का,पल मिलता है।
वाणी का सुर आज नहीं तो,कल मिलता है।

मां सरस्वती कहती मधुर वचन हो बोल सभी से,
तार जब तब ह्रदय जुड़ेगा फिर उसका हल मिलता है।
वाणी का सुर आज नहीं तो,कल मिलता है।

मां सरस्वती कहती पार कर कठिन पथ को,
जरूर मिलेगा राह आसान फिर घर मिलता है।
वाणी का सुर आज नहीं तो,कल मिलता है।

मां सरस्वती कहती गले को चीर दे आवाज़ में सुर दे
मुश्किल नहीं जब आगे बढ़कर सुकून मिलता है।
वाणी को सुर आज नहीं तो,कल मिलता है।
कर्म करो तो एक न एक दिन फल मिलता है।।

 

Manjit Singh

मनजीत सिंह
सहायक प्राध्यापक उर्दू
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ( कुरुक्षेत्र )

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