निबंध : जीवन मूल्य का अर्थ एवं जीवन मूल्य पर अंतरराष्ट्रीय मामलों का प्रभाव
निबंध : जीवन मूल्य का अर्थ एवं जीवन मूल्य पर अंतरराष्ट्रीय मामलों का प्रभाव
( Hindi Essay : Meaning of Value of Life and Impact of International Affairs on Value of Life )
प्रस्तावना :-
जीवन मूल्य से तात्पर्य उस मानवीय गुण से है जो अन्य लोगों के साथ संप्रेषण और समायोजन स्थापित करने के लिए आवश्यक होता है। जीवन मूल्य से तात्पर्य मानवीय स्टार के लिए मनुष्य की भावनाओं से है।
जीवन मूल्य की अवधारणा मनुष्य के कार्य जयंत निर्णय एवं निश्चय से संबंधित है। इन मूल्यों के स्त्रोत धर्म, दर्शन, साहित्य, संस्कृति, राजनीतिक, सामाजिक व्यवस्था तथा विज्ञान होते हैं।
क्रिस्टल के अनुसार मूल्य एक अमूर्त संप्रत्य है जिसका संबंध मनुष्य के अंतर्मन से होता है। जीवन मूल्य किसी समाज द्वारा स्वीकृत विश्वास, आदर्श, सिद्धांत, नैतिक नियम, व्यावहारिक मानदंडों को व्यक्तियों द्वारा दिए जाने वाले महत्व से है।
यह मूल्य व्यक्ति के व्यवहार को नियंत्रित और निर्देशित करते हैं। जीवन मूल के माध्यम से ही व्यक्ति सही गलत का अंतर करने में सक्षम होता है। जीवन मूल्य में नैतिक और सामाजिक प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालन होता है।
जीवन मूल्य पर अंतरराष्ट्रीय मामलों का प्रभाव
विभिन्न देशों के मध्य अंतरराष्ट्रीय संबंधों से तात्पर्य उन के मध्य शक्ति को लेकर संघर्ष से है। इसके लिए राज्यों की राजनैतिक नीतियां आपस में अंतर क्रिया के रूप में शामिल होती हैं।
प्रथम एवं द्वितीय विश्वयुद्ध के पूर्व सभी राष्ट्र आपस में धन और सीमाओं के लिए संघर्ष किया करते थे। मानवीय मूल्यों का उनके मध्य कोई भी उचित स्थान नहीं था।
शक्तिशाली राष्ट्र आत्मबल के दम पर कमजोर राष्ट्र का दमन करते थे और उन पर अधिकार कर लेते थे। इस प्रकार नैतिक मूल्यों का अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मध्य कोई सरोकार नहीं था। परंतु प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में हुए नरसंहार ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मध्य जीवन मूल्य की परिभाषा को महत्वपूर्ण बना दिया।
द्वितीय विश्व युद्ध के उपरांत अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नई दिशा प्रदान की गई। इस तरह से यह नियम बनाया गया कि एक राष्ट्र दूसरे और राष्ट्र पर अधिकार नहीं करेगा साथ ही भेदभाव और प्रत्येक रंग, जाति, वर्ण के मानव तथा मानवता के विकास पर ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही विश्व को कुटुंब समझकर पारस्परिक निर्भरता की अपेक्षा की गई।
सभी मानव जाति को आपस में प्रेम करने तथा सभी सभ्यता और संस्कृत के समान विकास पर बल देने की बात कही गई।
मानवीय मूल्यों के अंतर्गत आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका ध्यान केंद्रित होता है। जीवन के यह मानवीय मूल्य मानवता को एक सूत्र में पिरोने का काम करते हैं। मानवीय मूल्यों पर अंतरराष्ट्रीय संबंधों का प्रभाव निम्नलिखित प्रकार से देखने को मिलता है।
राजनैतिक एवं भौगोलिक प्रभाव –
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सभी देशों में ऐसी स्थिति देखी गई कि जहां पर काफी सुधार हुआ विकसित और शक्तिशाली राष्ट्र कमजोर राष्ट्र की जनसंख्या विकास तथा आर्थिक राजनैतिक भगोली विस्तार में मदद करने लगे। मानवीय मूल्यों के सकारात्मक विकास के साथ नए-नए छोटी कई राज्यों का उदय हुआ।
मानव कल्याण –
मानव कल्याण केवल राष्ट्रीय भावना से ही नहीं बन सकता। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में विश्व के सभी मानव प्रजाति का विकास इसके माध्यम से संभव है।
यह मानवीय कल्याण का मूल्य मानव जीवन के मूल्यों पर आधारित होता है। अगर अंतरराष्ट्रीय संबंध अच्छे होते हैं तथा सभी मानवीय मूल्यों को सभी राष्ट्र द्वारा प्राथमिकता दी जाती है तो विश्व के सभी राष्ट्र तथा मानव जाति को लाभ पहुंचता है।
पूर्व में हुए युद्ध, क्रूरता हत्या, मानव अंग भंग, अत्याचार, राजनीतिक मौलिक अधिकारों का हनन ने मानव में राष्ट्रीयता को लेकर भय का वाटर वातावरण उत्पन्न किया।
अंतरराष्ट्रीयता तक की भावना तथा संबंधों ने मानव कल्याण को संपूर्ण विश्व में बढ़ावा देने की बात कही। आज अंतरराष्ट्रीय संबंधों द्वारा दुनिया के सभी देशों में जीवन के मूल्यों को व्यवहार में लाया जा रहा है तथा वैश्विक स्तर पर मानव विकास पर जोर दिया जा रहा।
राष्ट्र की परस्पर निर्भरता अंतरराष्ट्रीय संबंध से वैश्विक स्तर पर शैक्षिक मूल्य जिसमें मानव समाज के विकास में सहायक पर विशेष ध्यान दिया जाना लगा है। इससे शिक्षा तथा रोजगार के विकास के साथ सभी राष्ट्रपति समान रूप से ध्यान दिया जा रहा है।
वैज्ञानिक तकनीकों का विकास –
अंतरराष्ट्रीय संबंधों से दुनिया के सभी देशों में समान रूप से वैज्ञानिक तथा तकनीकी क्षेत्र में विकास हो रहा ह अंतरराष्ट्रीय संबंधों के कारण ही तकनीकी विकास में वृद्धि देखी जा रही है।
मानव जाति केवल राष्ट्रप्रेम की भावना के लिए सजग न होकर देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत हो रहा है। आज मानव दूसरे मानव के विकास को ध्यान में रखकर काम कर रहा है।
निष्कर्ष –
निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों ने विश्व को एक कुटुंब के रूप में बना दिया है। विकास आपके वहां सिर्फ देश तक शामिल है सीमित है बल्कि यह विश्व के सभी देशों पर स्थापित हो रहा है।
इस प्रकार से अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर जीवन मूल्यों का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है तथा बिना अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल्यों का विकास असंभव है।