Hindi bal kavita

हिन्दी की बात | Hindi ki Baat

हिन्दी की बात

( Hindi ki Baat )

कहने को
हम हिन्दी को बहुत मानते हैं
और बच्चों का प्रवेश
अंग्रेजी माध्यम में करवाते हैं।
ओ! दोहरी मानसिकता के लोग,
मातृभाषा से दूर रहकर
बच्चे का विकास होगा क्या?
मातृभाषा तो सहज ही
हर शिशु सीख लेता है,
तो हम उस बस्ते के बोझ के साथ
क्यों अंग्रेजी का बोझ डालें?
हिन्दी को जीवन का
क्यों ना आधार बना लें?

थैंक्यू की बजाए
कोई धन्यवाद कह दे
तो उसपर तुम्हें
हँसी आती है,
आदत नहीं है ना
तुम्हें सुनने की।

बस हिन्दी दिवस पर ही
हिन्दी के हम अग्रदूत बन जाते हैं
और साल भर उससे
पल्ला झाड़ते हैं।

कीर्ति जायसवाल ‘कृतिका’
प्रयागराज

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