मां पर कविता | Hindi me Maa par Kavita
मां पर कविता
( Maa par kavita )


( Maa par kavita )


त्राहिमाम ( Trahimam ) प्रकृति विकृति समाया चलो इसे उबारें उमस गहन छाया चलो आंधियां लाएं सन्नाटा सघन पसरा चलो चुप्पिया॔ तोड़ें चित्कारें चरम छूती चलो चैतन्य पुकारें प्रचंड प्रलय आया चलो गीत-मीत गाएं बेसुध कराहे बसुधा चले पीयूष पिलायें मानव बना दुर्वासा चलो मनुज बनाएं स्याह सबेरा दिखता चलो सोनल चमकायें मन असुरी…

दिकुप्रेम की राह जीवन मेरा बस तुझसे जुड़ा एक अफसाना है,हर लम्हा तेरा इंतज़ार, प्रेम बस तेरा दीवाना है।कभी हँसी में तू आई, कभी अश्कों में बसी,अब हर साँस में बस तेरी यादों का तराना है। राहों में तेरा एहसास अब भी मौजूद है,तेरी बातों की मिठास हर लम्हा मख़मल सी दूज है।कभी ख्वाबों में…

मिसाल बने तो बात है ( Misal bane to baat hai ) मेहनत करके दुनिया में, खुशहाल बनो तो बात है। काबिल जग में बन दिखाओ, मिसाल बने तो बात है। अपने शुभ कर्मों की सौरभ, परचम तुम लहरा देना। कीर्ति पताका जग में फैले, खुशबू तुम बिखरा देना। भरकर उड़ाने हौसलों की, कोई…

आचार्य श्री कालूगणी का 89 वां प्रयाण दिवस पर मेरे भाव – आज से 88 वर्ष पूर्व तेरापंथ धर्मसंघ के अष्टम आचार्य श्री कालूगणी का महाप्रयाण हुआ था इस अवसर पर मेरा भावों से शत – शत वन्दन व मेरे भाव – आचार्य श्री कालूगणी का 89 वां प्रयाण दिवस सद्गुणों का जीवन में आचरण…

बात उस चांँद की है ( Baat us chand ki hai ) बात उस चांँद की है जो कवियों की कल्पनाओं में मुस्कुराता रहा जो बच्चों को अपना मामा नजर आता रहा एक अद्भुत शीतल ग्रह, सौंदर्य शिखर मन का कारक, सब का अति प्रिय था जो दुर्लभ। बात उस चांँद की है जिसकी…

संत शिरोमणि गणिनाथ जी महाराज ( Sant Shiromani Ganinath Ji Maharaj ) जय जय जय हे संत शिरोमणि,गणिनाथ महाराज। योग क्षेम कल्याण शिरोमणि, गणिनाथ महाराज। महादेव के मानस पुत्र हो, तुम जन कल्याणी हो। मंशाराम के दत्तक पुत्र हो, धर्म रक्षक अवतारी हो। राग द्वेष तम दूर करे प्रभु, सत्य धर्म अधिकारी…