Kshamadan par kavita
Kshamadan par kavita

क्षमादान

( Kshamadan )

 

क्षमा दान यदि कर पाओ तो
करके बन जाओ भगवान
क्षमा हृदय की शांत अवस्था
ईश्वरीय हो जाता इंसान,

 

जो देता है दान किसी को
लौट वही फिर पाता है
क्षमा दान है श्रेष्ठ दान में
यह सच्चा धर्म बताता है,

 

मानवता का है एक लक्षण
क्षमा दान कहलाता है
देने वाला दान सदा ही
महामानव बन जाता है,

 

लेने देने वाले दोनों
सहज सुखद अनुभव करते
क्षमादान है दान ही ऐसा
बाकी सब इस पर मरते,

 

गोदान सुना भूदान सुना
कन्या, जीवन दान सुना,
कौन दान है क्षमा से बढ़कर
यह क्षमा नहीं भगवान सुना।

 

( अम्बेडकरनगर )

यह भी पढ़ें :-

बाल दिवस पर विशेष बाल कविता | Bal diwas kavita

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here