बुलंदी का तिरंगा चाॅंद पर लहराया

( Bulandi ka tiranga chand par lahraya ) 

 

बहुत-बहुत बधाई हो आपको प्यारे-प्यारे हिंदुस्तान,
सफलतापूर्वक अपनी-मंजिल पहुॅंचा दिए चंद्रयान।
बोल रहा है सम्पूर्ण विश्व आज आप को यह महान,
बहुत सारे रहस्य बताएगा अब आपको ये प्रज्ञान।।

जिस दक्षिण ध्रुव पर जाने में पूरा विश्व घबराता था,
बेहद ठण्ड होने के कारण हर नर भी कतराता था।
ऐसे में भी भारत के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान पहुंचाया,
बुलंदी का तिरंगा झंडा उस चाॅंद पर लहराया था।।

२३० डिग्री सेल्सियस माइनस‌-ठण्ड वहां पर रहती,
ऐसे में हिंदुस्तान बना अंतरिक्ष विज्ञान महा-शक्ति।
चार-सालों का अथक प्रयास एवं मेहनत रंग लाया,
युगों-युगों तक याद करेंगा इनको ग्रह एवं व्यक्ति।।

हिंदुस्तान में है दम इसलिए आज चंद्रमा पर है हम,
नहीं है किसी देश‌ से कम न रुकते है हमारे क़दम।
अब समझो इस धरा से चंद्र की दूरी हो गई है कम,
सिर ऊॅंचा रहें इस तरह ही हिंदुस्तान का ‌हर दम।।

झूमो नाचों ख़ुशी मनाओ करो वैज्ञानिकों का वंदन,
हमेशा याद रखा जाएगा २३/०८/२०२३ का दिन।
इसका सीधा लाईव प्रसारण था पूरे संसार के लिए,
हमने जिस पर क़लम उठाकर किया है‌ ये सृजन।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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