आओ अस्पताल बनवाएं | Hospital par Kavita
आओ अस्पताल बनवाएं
( Aao aspatal banaye )
आओ मिलकर नेक कार्य ऐसा हम ये कर जाएं,
सबके लिए सार्वजनिक यह अस्पताल बनवाएं।
जहां होगा हर रोगी की बीमारियों का ये ईलाज,
हर एक व्यक्ति दिन रात देगा सबको वो दुआएं।।
कदम-उठाकर कदम-मिलाकर बीड़ा ये उठाओ,
अपनें हो चाहें पराये सभी का जीवन ये सवांरो।
नही है आज सारे विश्व में इससे बड़ी कोई सेवा,
देखे है कोरोना-काल में जिसकी हालात प्यारो।।
ज़रुरत है आज विद्यालयो अस्पतालो की प्यारों,
हो रहें है बुरे हालात आज इनकी कमी से यारो।
पढ़ लिखकर सेवाएं दो इन मानव हित कार्यो में,
जीवन में कुछ ऐसी यादगार छोड़ जाओ प्यारों।।
लूट रहें है लोगों को यह प्राइवेट अस्पताल वाले,
बैड-बिजली खाना दवाई जांचों का लेकर नाम।
बिक्री हो रही है आज पानी की भरी यह बोतले,
हवा भी बिक रही है प्यारो ऑक्सीजन के नाम।।
पूरे देश में जब यह उचित अस्पताल बन जाएंगे,
हर रोगी अपनी बीमारियों का ईलाज़ ले पाएंगे।
आओ मिलकर नेक कार्य ऐसा हम ये कर जाएं,
अस्पताल का यह सपना सम्पूर्ण कर दिखाएंगे।।