![Idhar Udhar ki Baatein Idhar Udhar ki Baatein](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2023/12/Idhar-Udhar-ki-Baatein-696x445.jpg)
इधर उधर की बातें छोडों
( Idhar udhar ki baatein chhodo )
इधर उधर की बातें छोडों, मुद्दे पर बस आने दो।
राजनीति पर बहस नही अब,राष्ट्र उदय हो जाने दो।
चर्चा ही करनी है यदि तो, भूख गरीबी पर कर लो,
शिक्षा स्वास्थ्य जो मूल विषय है,बात हमे बतलाने दो।
कन्या भ्रूण की हत्या से, कन्या शिक्षा संमवर्धन तक।
आत्म सुरक्षा,आत्म निर्भरता,आत्मसम्मान से जीने तक।
चर्चा क्यो अब चिन्तन हो, अन्तिम मानव खुशहाल रहे,
संविधान के नीति निदेशक, तत्व के पूरा होने तक।
चिन्तन हो कृषकों का जीवन, कैसे भी खुशहाल रहे।
वो व्यापारी भी उन्नत हो, जिनका जीवन बदहाल रहे।
भारत का हर इक बालक, उत्तम यौवन को प्राप्त करे,
विस्थापन का दंश ना झेले, जहाँ रहे रोजगार मिले।
जाति धर्म की मर्यादा हो, जिसका सब सम्मान करे।
मन निर्मल हो त्याग क्रूरता, ईश्वर का गुणगान करे।
चर्चा ही करना है तो फिर, भारत जय की बात करे,
सीमाओं के रक्षक है जो परमवीर सम्मान मिले।
बहस ही करनी है तो आओ, स्वच्छ हृदय से बात करे।
तेरा मेरा स्वार्थ त्याग कर, बात करे इतिहास गढे।
तोड फोड हडताल बन्द, यह राह नही दिखलाएगा,
चिन्तन कर हुंकार हृदय से, राह निकल कर आएगा।
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )