Love Shayari | इक़रार ए मुहब्बत का वो ज़वाब देता
इक़रार ए मुहब्बत का वो ज़वाब देता
( Iqrar -E- Muhabbat Ka Wo Jawab Deta )
इक़रार ए मुहब्बत का वो ज़वाब देता
तो मैं उसे मुहब्बत का आज़म गुलाब देता
अहसास नफ़रतों का लगता नहीं मुझे फ़िर
जो प्यार की रवानी दिल से ज़नाब देता
कर लेता वो मुहब्बत मेरी क़बूल दिल से
मैं उम्रभर मुहब्बत का उसको हिजाब देता
लिख देता उसे मैं भी इक़रारे मुहब्बत
लिखकर मुहब्बत की ही वो जो क़िताब देता
हंस लेता मैं मुहब्बत में ही मगर ख़ुशी से
पीने को जो नहीं वो ग़म की शराब देता
मेरे नहीं भरे होते लब रोज़ ख़ामुशी से
दिल तोड़कर नहीं आंखों में वो आब देता
वो फ़ूल बनकर जो खिलता प्यार का दिल में ही
मैं अपनें प्यार का उसको ही शबाब देता
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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