हर किसी पे ही उल्फ़त लुटाती रही

हर किसी पे ही उल्फ़त लुटाती रही | Ishq pe shayari

हर किसी पे ही उल्फ़त लुटाती रही

( Har kisi pe hi ulfat lutati rahi )

 

 

हर किसी पे ही उल्फ़त लुटाती रही

जिंदगी प्यार के गीत गाती रही

 

पी उसे भूलने की शराब ख़ूब है

रात दिन और यादें  सताती रही

 

मुंह से बोली नहीं है कुछ भी तो मुझे

तीर नैनों के मुझपे चलाती रही

 

चैन की छांव मिलती नहीं है कहीं

रोज़ ही धूप ग़म की निकलती रही

 

और क़िस्मत ठुकराती गयी है ख़ुशी

जीस्त ग़म के सितम रोज़ सहती रही

 

ढ़ल गयी है समन्दर में ग़म के सभी

वो ख़ुशी रोज़ अब याद आती रही

 

प्यार का फ़ूल  जिसको मैंनें दिया

नफ़रतों के घुट आज़म पिलाती रही!

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : –

प्यार में कोई मुझसे दग़ा कर गया | Bewafa sanam ki ghazal

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *