ईश्वर ओम हो जाएगा

( Ishwar Om ho Jayega ) 

ईश्वर ओम हो जाएगा
पत्थर मोम हो जाएगा

होगा क्लेश कैसा जब
संकट होम हो जाएगा

पढ़ अध्यात्म-दर्शन खुद
सात्विक रोम हो जाएगा

छिन पश्चात अपने आप
उच्छन्न ज़ोम हो जाएगा

छूके एक से मंजिल एक
हौसला व्योम हो जाएगा

पुर्जा-पुर्जा टुकड़ा-टुकड़ा
मिलकर तोम हो जाएगा

बन आफ़ताब या महताब
यामा-ओ-योम हो जाएगा

करके खुद को भस्मीभूत
सोनकर डोम हो जाएगा ।।

 

नरेन्द्र सोनकर ‘कुमार सोनकरन’
नरैना,रोकड़ी,खाईं,खाईं
यमुनापार,करछना, प्रयागराज ( उत्तर प्रदेश )

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