Ja-Ra-Mat Bhojpuri Kavita -जरअ मत !
जरअ मत !
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(भोजपुरी भाषा में)
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आड़ी तिरछी राह जिंदगी ( Aadi tirchi raah zindagi ) हो रही गुमराह जिंदगी आड़ी तिरछी राह जिंदगी बदल रही जीने की राहें ढूंढ रही पनाह जिंदगी सद्भावों के मेले लगते प्रेम प्यार दिलों में सजते कहां गया वो वक्त सलोना भाई भाई मन में बसते स्वार्थ के मारे सब घूमे सारे…
यें फाल्गुनी महीना ( Ye falguni mahina ) यें फाल्गुनी महीना होता है प्रकृति के लिए सौगात, जो प्रकृति के नज़रिये से महत्वपूर्ण धार्मिक मास। जिसके पश्चात होता है हिन्दू नए साल का आगाज़, हिन्दू पंचांग में साल का यही होता आख़िरी मास।। इसी महिनें में आतें है दो लोकप्रिय बड़े ही त्योंहार, जो…
जीवन की परिभाषा ( Jeevan ki paribhasha ) हां! हम हर बात को बोलते है डंके की चोट, नही है हमारे मन में किसी प्रकार की खोट। पीठ- पीछे बोलें ऐसी आदतें नही है हमारी, चाहें रुठ जाऐ दुनियां अथवा बांटे हमें नोट।। सही को सही एवं गलत को गलत है कहते, समझने…
बेवफाई ( Bewafai ) वक्त के धागे कभी, कमजोर नहीं होते तेरी यादों ने ही निभाई है, अपनी वफादारी बातों में छलावा था ,दिल में थी मक्कारी होठों की मुस्कान तेरी, महज थी एक अदाकारी दिए तेरे जख्मों के दर्द को, पीता हूँ सुबह शाम फरेब था तेरी चाहत में, मन में भरी थी…
लफ़्ज़ों की हकीकत ( Lafzon ki Haqeeqat ) मैं तुम्हें लफ़्ज़ों में समेट नही सकती क्योंकि— तुम एक स्वरूप ले चुके हो उस कर्तार का– जिसे मैं हमेशा से गृहण करना चाहती हूँ किन्तु– समझा नही पाती तुम्हें कि– अपने विजन को छोड़कर यथार्थ जीने का द्वंद्व वाकई में कितना भयप्रद है। नकार देती…
पड़ोसी धर्म निभाएं ( Padosi Dharm Nibhayen ) सीमेंट गारे से बनी ईंट पाथर से गढ़ी कस्बे में खड़ी ये मंदिर मस्जिद बड़ी बड़ी गिरिजा गुरुद्वारा साहिब भी नहीं इंसानियत से बड़ी सदैव काम आएंगे सर्वप्रथम आपके पड़ोसी ही उन्हें मिलिए जुलिए घड़ी घड़ी रिश्तों में बनाए रखें विनम्रता सादगी और ईमानदारी माहौल बनेगा…